भटनेर पोस्ट ब्यूरो. नई दिल्ली.
आरएसएस सुप्रीमो मोहन भागवत ने देश में जाति-धर्म के नाम पर हो रहे बिखराव संबंधी घटनाओं पर अफसोस जाहिर किया है। जारी वक्तव्य में भागवत ने कहाकि यह सब ठीक नहीं। भारत अलग-अलग धर्म और जातियों के फूलों से बना वह गुलदस्ता है जो दुनिया को लुभाता है। हमको आपस में लड़ने के बजाय सीमाओं पर बुरी नजर गढ़ाए बैठे दुश्मनों को ताकत दिखानी चाहिए। वर्तमान में देश में भाषा, पंथ-संप्रदाय और सहुलियतों को लेकर तमाम तरह के विवाद देखने को मिल रहे हैं। आरएसएस ने अपील की है कि भारत की एकता और अखंडता के लिए हर किसी को कोशिश करनी चाहिए। मोहन भागवत ने कहा कि पूरी दुनिया में इस्लाम का आक्रमण हुआ, स्पेन से मंगोलिया तक छा गया। धीरे-धीरे वहां के लोग जागे, उन्होंने आक्रमणकारियों को हराया तो अपने कार्य क्षेत्र में इस्लाम सिकुड़ गया। अब विदेशी तो यहां से चले गए लेकिन इस्लाम की पूजा कहां सुरक्षित चलती है, यहीं सुरक्षित चलती है। उन्होंने कहा कि कितने दिन हुए, कितने शतक हुए यह सह जीवन चल रहा है। इसको नही पहचानते हुए आपस के भेदों को ही बरकरार रखने वाली नीति चला रहे है, ऐसा नहीं करना चाहिए।