डॉ. मधुरिमा सिंह बोलीं-अन्य भाषाओं का विरोध करना हिंदी दिवस का मतलब नहीं

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हनुमानगढ़ स्थित रयान कॉलेज फॉर हायर एजुकेशन में राष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि हिंदी की विभागाध्यक्ष रहीं डॉ. मधुरिमा सिंह थीं। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. संतोष राजपुरोहित ने की। कार्यक्रम संयोजक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष हेमपुष्प ने बताया कि ’राष्ट्रभाषा हिंदी का आधुनिक परिप्रेक्ष्य में महत्व’ विषय पर निबंध प्रतियोगिता एवं भाषण प्रतियोगिता हुई। निबंध प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका सहायक आचार्य हेमपुष्प तथा ओम प्रकाश राजपुरोहित ने निभाई जबकि भाषण प्रतियोगिता में आरती शर्मा एवं सुखवीर कौर निर्णायक थीं। डॉ. मधुरिमा सिंह ने बताया कि हिंदी दिवस मनाने का मतलब यह नहीं है कि हम अन्य भाषाओं का विरोध करें। चाहे वह अंग्रेजी भाषा हो या क्षेत्रीय भाषाएं। वास्तविकता तो यह है कि क्षेत्रीय भाषाओं के विकास से ही राष्ट्रभाषा हिंदी को प्रभावशाली और विकसित किया जा सकता है। चूंकि शिक्षक तथा विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र से लंबे समय तक जुड़े रहते हैं, इसलिए ये दोनों वर्ग समाज के प्रत्येक क्षेत्र को हिंदी से जोड़ सकते हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि राष्ट्रभाषा हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषाएं परस्पर पूरक हैं, इनके मध्य कोई प्रतियोगिता नहीं है। क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत करके हम राष्ट्रभाषा हिंदी को भी शक्तिशाली बना सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में प्रतियोगिताओं के परिणाम की घोषणा की गई जिसके अंतर्गत निबंध प्रतियोगिता में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा अनिष्का ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि बीए प्रथम वर्ष की छात्रा कविता ने दूसरा स्थान हासिल किया। इसी प्रकार भाषण प्रतियोगिता में बीए प्रथम वर्ष से कविता प्रथम स्थान एवं बीसीए प्रथम वर्ष से प्रेरणा दूसरे स्थान पर रही। मुख्य अतिथि द्वारा विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गय साथ ही महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. संतोष राजपुरोहित, उप-प्राचार्य अनिल शर्मा तथा पुस्तकालयाध्यक्ष सुमीना यादव ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया एवं उनका आभार प्रकट किया।

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