टिकट नहीं मिलने पर व्यथित हुए कैलाश मेघवाल, सोशल मीडिया पर उभरा दर्द

भटनेर पोस्ट पालिटिकल डेस्क. 

भाजपा ने हनुमानगढ़ जिले की चार सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। भादरा से संजीव बेनीवाल, नोहर से अभिषेक मटोरिया, संगरिया से गुरदीप शाहपीनी और पीलीबंगा से धर्मेंद्र मोची भाजपा उम्मीदवार होंगे। इसके बाद पीलीबंगा से पिछले दस साल से टिकट का इंतजार कर रहे भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल का व्यथा सामने आई। उन्होंने फेसबुक पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिखा, ‘मैं मेरे देवतुल्य कार्यकर्ताओं से माफी चाहता हूं, आपकी आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतर सका लेकिन आपके सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने दूंगा। चाहे मुझे जान भी देनी पड़े।’
भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल की पोस्ट पर समर्थकों ने टिप्पणी करनी शुरू कर दी।

भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के जिला प्रभारी रहे मुरधलीधर सोनी ने लिखा, ‘पार्टी टिकट किसी एक कार्यकर्ता को मिलनी थी किंतु सरकार बनने के बाद आप लाइमलाइट में ही रहेंगे। सभी आपके और पार्टी के साथ मिलकर कांग्रेस से लड़ेंगे और मिलकर जीतेंगे। जय भाजपा, जय-जय राजस्थान।’
यूजर सुरेश बिश्नोई जोड़कियां ने लिखा, ‘आपकी मेहनत प्रयत्न और संघर्ष, संगठन के प्रति निष्ठा कार्यकर्ताओं से स्नेह व ईश्वर की कृपा से सफलता निश्चित मिलेगी भाई साहब।’
सुभाष सहारण ने लिखा, ‘हम आपके साथ थे, हैं और साथ रहेंगे। जहां कैलाश जी वहां हम।’
विनोद अग्रवाल लिखते हैं, ‘संगठन के कार्यकर्ता के लिए पाने की विफलता और न पाने का दुःख अर्थहीन होते हैं। आप बड़े पद के लिए बने हो।’
डॉ. दिलीप सिंह राजपुरोहित ने लिखा, ‘आपने लंबे समय तक संघर्ष किया है। पार्टी को सोचना चाहिए था।’
देवकीनंद चौधरी ने लिखा, ‘पार्टी टिकट किसी एक को मिलना होता है। आपके जोरदार प्रयास को सैल्यूट। पार्टी और संगठन में आपकी भागीदारी लगातार बनी रहेगी। जय हो।’
दिनेश जयपाल लिखते हैं, ‘आपको कौन टिकट देता है। पीलीबंगा, अनूपगढ़, रायसिंहनगर कहीे से भी टिकट मेघवाल समाज को नहीं मिली। आप भी अपने नाम के साथ अपना गोत्र लिखिए। मेघवाल लिखकर समाज का नाम रोशन ना करें।’
हंसराज गोदारा ने लिखा,‘ बहुत दुःखद। पार्टी की हार निश्चित हो गई।’
लाल सिंह शेखावत ने लिखा, ‘निर्दलीय चुनाव लड़ो। पीलीबंगा विधानसभा की रिवाज रही है, बीजेपी की जो निर्दलीय लड़ेगा अगली बार उसे ही टिकट देगी। पूर्व विधायक दोनों ही निर्दलीय लड़े थे।’

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