भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस टिकट के तिकड़मी खेल में ‘फंसी’ हुई दिख रही है। गहलोत बनाम पायलट का असर स्वभाविक तौर पर दिखाई देने लगा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उन निर्दलीय व बसपा से आए विधायकों को टिकट दिलाना चाहते हैं जिन्होंने पायलट के बगावत के वक्त सरकार बचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। वहीं सचिन पायलट अपने अधिकाधिक समर्थकों को सिंबल पर चुनाव मैदान में उतारने के मूड में है। दिलचस्प बात है कि टिकट वितरण में अब तक न तो गहलोत फ्री हैंड हैं और न ही पायलट का पलड़ा भारी नजर आ रहा। अलबत्ता ‘दिल्ली दरबार’ यानी आलाकमान के हाथ में रिमोट है। राजस्थान कांग्रेस ने पूरी तैयारी के साथ पैनल की सूची आलाकमान के हवाले कर दी है। खबर है कि गौरव गोगोई की अध्यक्षता में 14 अक्टूबर को दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग होगी, इसमें टिकटार्थियों के नामों पर चर्चा शुरू होगी।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं कि पार्टी में अभी यह नहीं तय हो रहा है कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कितने विधायकों के टिकट काटे जाएं। फिर भी करीब आधे से अधिक मौजूदा विधायकों को चुनावी समर में उतारने के पूरे आसार हैं। साथ ही करीब 50 नए चेहरों को भी टिकट देने पर विचार चल रहा है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं कि पार्टी में अभी यह नहीं तय हो रहा है कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कितने विधायकों के टिकट काटे जाएं। फिर भी करीब आधे से अधिक मौजूदा विधायकों को चुनावी समर में उतारने के पूरे आसार हैं। साथ ही करीब 50 नए चेहरों को भी टिकट देने पर विचार चल रहा है।