गुर्जरों में जोश नहीं भर पाया मोदी का जोशीला भाषण

भटनेर पोस्ट ब्यूरो. भीलवाड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुर्जरों के आराध्य भगवान देवनारायण के जन्मोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए लेकिन उन्होंने देवनारायण मंदिर का कॉरिडोर बनाने की घोषणा नहीं कर गुर्जरों को निराश कर दिया। मोदी ने
मालासेरी डूंगरी में दर्शन के बाद सभा को संबोधित किया। गुर्जरों से मुखातिब होकर वे बोले-‘आपका और हमारा गहरा नाता है। भगवान देवनारायण का जन्म कमल पर हुआ है और हमारी तो पैदाइश ही कमल से है।’ मोदी ने कहा कि भगवान देवनारायण का बुलावा आए तो कोई मौका नहीं छोड़ता, इसीलिए मैं हाजिर हो गया। ये कोई प्रधानमंत्री यहां नहीं आया है, मैं पूरे भक्तिभाव से आप ही की तरह एक यात्री के रूप में आशीर्वाद लेने आया हूं।
देवनारायण मंदिर का कॉरिडोर बनाने की घोषणा नहीं होने से गुर्जरों को काफी निराशा हुई। मोदी का भाषण बेहद जोशीला था लेकिन इससे गुर्जरों में जोश का संचार नहीं हो सका। दौसा से आए देवीलाल गुर्जर ने ‘भटनेर पोस्ट’ से कहाकि मोदी के भाषण में कुछ नया नहीं था। बेहतर होता वे गुर्जर समाज को कुछ सौगात देते। छतीसगढ़ से आए कैलाश गुर्जर ने गहलोत सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि भगवान देवनारायण जयंती पर सरकारी छुट्टी का एलान कर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने हमारा दिल जीत लिया। वहीं, पीएम मोदी ने कहाकि-मुझे यज्ञशाला में पूर्णाहुति में देने का भी सौभाग्य मिला। मेरे लिए यह भी सौभाग्य का विषय है कि मुझे जैसे सामान्य व्यक्ति को आज आपके बीच आकर भगवान देवनारायण का और उनके भक्तों का आशीर्वाद प्राप्त करने का पुण्य मिला है। मोदी ने कहा कि हम भारत के हजारों वर्षों पुराने अपने इतिहास, संस्कृति और सभ्यता पर गर्व करते हैं। दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के समाप्त हो गईं। परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं। भारत को भी भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन भारत को कोई ताकत समाप्त नहीं कर पाई। मोदी ने कहा कि भारत सिर्फ एक भू-भाग नहीं है, बल्कि हमारी श्रृद्धा की एक अभिव्यक्ति है, इसलिए वैभवशाली भविष्य की नींव भारत रख रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी प्रेरणा, सबसे शक्ति हमारे समाज की है। मोदी ने राजस्थान की धरती जन-जन के संघर्ष और संयम की धरती बताते हुए कहाकि इस धरती पर तेजाजी से पाबूजी तक, गोगाजी से रामदेव तक, बप्पा रावल से महाराणा प्रताप तक यहां के महापुरुषों, जननायकों और लोकदेवाओं और समाज सुधारकों ने देश को रास्ता दिखाया है। इतिहास का शायद ही ऐसा कोई कालखंड हो जिसमें इस धरती ने देश को प्रेरणा न दी हो। इसमें भी गुर्जर समाज का शौर्य पराक्रम देशभक्ति का पर्याय रहा। देश और संस्कृति की रक्षा में गुर्जर समाज ने प्रहरी की भूमिका निभाई। गुर्जर समाज के क्रांतिवीर भूप सिंह गुर्जर (विजय सिंह पथिक) के नेतृत्व में बिजौलिया किसान आंदोलन हुआ। इसके अलावा धनसी जी, जोगराज जी जैसे योद्धा रहे जिन्होंने देश के लिए जीवन दे दिया। राम प्यारी गुर्जर, पन्ना धाय जैसी गुर्जर समाज की बहन बेटियों ने देश और संस्कृति की सेवा की। यह देश का दुर्भाग्य है कि ऐसे अनगिनत सेनानियों को हमारे इतिहास में वो स्थान नहीं मिल पाया जिसके वो हकदार थे, जो उन्हें मिलना चाहिए था।

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