भटनेर पोस्ट न्यूज. जयपुर.
राजधानी में तीन दिन तक हुए कांग्रेस विधायकों के ‘वन टू वन संवाद’ कार्यक्रम में पार्टी के 11 विधायक नहीं पहुंचे। इनमें दो केबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी और विश्वेन्द्र सिंह भी शामिल हैं। महेश जोशी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास सिलहसालार माने जाते हैं तो विश्वेंद्र सिंह पायलट खेमे से। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी चूंकि संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए उनकी गैरमौजूदगी पर कोई सवाल नहीं। इन दो मंत्रियों के अतिरिक्त 8 कांग्रेसी विधायक भी संवाद कार्यक्रम में नहीं आए। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, भरतसिंह कुंदनपुर, रामकेश मीणा, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, मीना कंवर, हीराराम, परसराम मोरदिया और हाकिम अली शामिल है। सचिन पायलट, रामकेश मीणा, भरतसिंह कुंदनपुर, रामनारायण मीणा सहित कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा विधायक मंत्री ऐसे हैं जो पिछले कई दिनों से अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल उठाते रहे हैं। कांग्रेस के भीतर गैरहाजिर विधायकों के खिलाफ खुसुर-फुसुर होने लगी है। एक वरिष्ठ नेता ने ‘भटनेर पोस्ट’ को बताया कि अब समय आ गया है जब बिना सूचना दिए गैरहाजिर रहने वाले विधायकों पर कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि कांग्रेस को भाजपा से अधिक ऐसे नेताओं के साथ रहने से खतरा है। यह बात आलाकमान को भी समझनी चाहिए। सूत्रों से पता चला है कि डॉ. महेश जोशी ने निजी कारणों से संवाद कार्यक्रम में शामिल न होने की सूचना दे दी थी। लेकिन बाकी विधायकों ने किसी तरह की पूर्व सूचना देना भी उचित नहीं समझा। ऐसे में उनके भाव को समझने की जरूरत है। तो क्या, कांग्रेस इन विधायकों के प्रति अपना रुख स्पष्ट करेगी, राजनीतिक हलकों में इन दिनों यह बड़ा सवाल है।