दुर्गेश. जयपुर.
कर्नाटक चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस खुद पर बजरंगबली की विशेष कृपा मान रही है। इसी का असर है, राजस्थान चुनाव को देखते हुए पार्टी ने सालासर में चिंतन शिविर लगाने का फैसला किया है। सालासर में महावीर हनुमान का ऐतिहासिक मंदिर है और राजस्थान सहित समूचे भारत के श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था का केंद्र है। शिविर एक और दो जुलाई को होगा। चिंतन शिविर में सम्मेलन करने के पीछे कांग्रेस की रणनीति साफ है। जानकारों के मुताबिक, पार्टी मानती है कि जिस तरह गहलोत सरकार की प्रमुख दस योजनाएं आम जन में लोकप्रिय हुई है, इससे विपक्ष सकते में है। भाजपा के पास फिलहाल इन योजनाओं का विकल्प नहीं है। ऐसे में बीजेपी हिंदुत्व पर फोकस करेगी। प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी उदयपुर जाकर कन्हैयालाल के परिवार से मिले और हत्यारे को फांसी नहीं होने पर सरकार पर सवाल उठाया। जाहिर है, चुनाव में यह मुद्दा होगा। ऐसे में कांग्रेस बीजेपी से हिंदुत्व का मुद्दा छीनने की कवायद में जुटी है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार अपने भाषणों में जिस तरह हिंदुत्व को लेकर भाजपा को घेरते हैं, अपनी सरकार द्वारा मंदिरों के जीर्णोद्धार, सुविधाएं बढ़ाने और गौवंश से संबंधित योजनाओं का जिक्र करते हैं, इससे साफ लगता है कि कांग्रेस अब हिंदुत्व के मसले पर रक्षात्मक नहीं बल्कि आक्रामकता दिखाएगी।
कांग्रेस को लगता है कि हिंदुत्व का मुद्दा अब बीजेपी के लिए भारी पड़ सकता है। विवादित फिल्म ‘आदिपुरुष’ में जिस तरह रामायण के पात्रों का ‘चरित्रहनन’ दिखाया गया है, इस पर बीजेपी व आरएसएस से जुड़े संगठनों की चुप्पी से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। आने वाले समय में कांग्रेस फिल्म निर्माण से जुड़े मनोज मुंतशिर सहित अन्य निर्माताओं की मोदी टीम से कनेक्शन का पर्दाफाश करेगी और जनता में यह बताने की कोशिश करेगी कि किस तरह केंद्रीय सेंसर बोर्ड ने फिल्म के आपत्तिजनक संवाद व दृश्यों को हरी झंडी दे दी। मोदी सरकार किस मुंह से हिंदुत्व के हितैषी होने का दम भरेगी।
कुल मिलाकर, कांग्रेस ने हिंदुत्व पर बीजेपी को घेरने के लिए ‘हथियारों’ का जखीरा तैयार कर लिया है। विश्लेषक मानते हैं कि भले कम पढ़े लिखे लोग कांग्रेस के तर्कों पर भरोसा न करें लेकिन समाज का सुशिक्षित वर्ग इन तमाम मसलों पर सोचने के लिए जरूर मजबूर होगी। कांग्रेस यही चाहती भी है।