भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ‘भटनेर पोस्ट’ को बताते हैं कि बदलाव जरूरी है लेकिन सिर्फ युवा के नाम पर किसी को टिकट थमा देना पार्टी के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है। जिन सीटों पर किसी परिवार विशेष का कब्जा है, वहां पर पार्टी ने कभी किसी युवा को प्रमोट करने का प्रयास नहीं किया। इसका परिणाम यह हुआ कि वह परिवार ही पार्टी का पर्याय बनकर रह गया। अब पार्टी को अपनी गलती का अहसास हुआ है तो अच्छी बात है लेकिन फिलहाल समय अनुकूल नहीं है। पांच साल में पार्टी को विकल्प तैयार करना चाहिए।
कांग्रेस के एक महामंत्री की मानें तो पार्टी को इस चुनाव में फूंक-फूंककर कदम उठाने की जरूरत है। वार रूम में जिस तरह रणनीति बनाई जा रही है, उससे पार्टी को नुकसान ही होगा। जब सरकार रिपीट न होने की रवायत के विपरीत चुनौती का सामना करना हो तो फिर प्रयोगधर्मी सोच रणनीति के खिलाफ ही होगा।
बहरहाल, यह चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस इस बार दो बार पराजित प्रत्याशियों को टिकट नहीं देगी। साथ ही मौजूदा करीब 60 ऐसे विधायकों को मौका देने से बचेगी जिनके खिलाफ लोगों में विरोध है या फिर नाराजगी। लेकिन पार्टी के लिए इन सीटों पर मजबूत विकल्प की तलाश मुश्किल लग रही है। ऐसे में आने वाले समय में कांग्रेस की रणनीति पर सबकी नजर टिकी रहेगी।