भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह संयोजक से कार्यमुक्त होकर भाजपा की राजनीति में उतरे आशीष पारीक इन दिनों चर्चा में हैं। हनुमानगढ़ विधानसभा क्षेत्र से वे भी भाजपा के टिकटार्थी हैं। वेब चैनल ‘आवाज 24’ को दिए इंटरव्यू में हिंदू हित को सर्वोपरि मानने वाले आशीष पारीक से जब पूछा गया कि आप पर कट्टरता का आरोप लगता है। आप हिंदू समाज को सर्वोपरि मानते हैं तो फिर दूसरी जमात के लोग आपका समर्थन क्यों करेंगे ? आशीष पारीक बोले-‘अगर लोग ऐसा सोचते हैं तो मेरे लिए गर्व की बात है। लेकिन सिर्फ हिंदुत्व नहीं बल्कि विकास भी साथ-साथ हो, मैं इसका पक्षधर हूं। अगर सड़क बनाएंगे तो क्या उस पर सिर्फ हिंदू चलेंगे ? अगर अस्पताल बनेगा तो क्या उसमें सिर्फ हिंदुओं का उपचार होगा ? अगर स्कूल और कॉलेज खोलेंगे तो क्या उसमें दूसरे धर्म के बच्चे दाखिला नहीं लेंगे ? सच तो यह है कि विकास सबके लिए होता है। उसमें कोई धर्म या जाति का भेद नहीं होता। संपूर्ण भारत एक है। हम सब भाई हैं। हां, अगर कोई धर्म की आड़ में जबरन धर्मांतरण करवाता है, लव जेहाद करता है, गौ माता की तस्करी करता है तो फिर हम उसे छोड़ने वाले नहीं। भले हमें टिकट मिले या न मिले। हमारे लिए टिकट व राजनीति कोई मायने नहीं रखती। हम जन सेवा के लिए राजनीति में आए हैं, कोई काम ऐसा नहीं करेंगे जिससे हमें सिर नीचा करना पड़ा। हां, एक बार स्पष्ट कर दूं अगर लव जेहाद, धर्मांतरण और गौ तस्करी करने वालों के खिलाफ मुखरता की वजह से मेरा टिकट कटता है तो फिर मुझे टिकट नहीं चाहिए। राजनीति में आया हूं तो खुद अपनी मेहनत से आया हूं, किसी ने मुझे लाकर नहीं बिठाया है। अपनी नीतियों से कभी समझौता नहीं करूंगा।’
युवा नेता आशीष पारीक ने कहाकि मैं किसी दूसरे धर्म का विरोधी नहीं हूं। यह बात लोगों को समझ में आ रही है। जब गांवों में सभाएं करने जाता हूं, किसानों और मजदूरों की बात करता हूं, नशे के खिलाफ बात करता हूं, बेरोजगारी की बात करता हैं, खेती-किसानी की बात करता हूं तो मुस्लिम लोग मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि आपके बारे में भड़काया जा रहा था, आप वैसे नहीं हैं। जब उनकी बात सुनता हूं तो मन में तसल्ली मिलती हैं। सच तो यह है कि मैं किसी धर्म या जाति के खिलाफ नहीं, सिर्फ धर्म की आड़ में की जा रही बुराई के खिलाफ हूं।
युवा नेता आशीष पारीक ने कहाकि मैं किसी दूसरे धर्म का विरोधी नहीं हूं। यह बात लोगों को समझ में आ रही है। जब गांवों में सभाएं करने जाता हूं, किसानों और मजदूरों की बात करता हूं, नशे के खिलाफ बात करता हूं, बेरोजगारी की बात करता हैं, खेती-किसानी की बात करता हूं तो मुस्लिम लोग मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि आपके बारे में भड़काया जा रहा था, आप वैसे नहीं हैं। जब उनकी बात सुनता हूं तो मन में तसल्ली मिलती हैं। सच तो यह है कि मैं किसी धर्म या जाति के खिलाफ नहीं, सिर्फ धर्म की आड़ में की जा रही बुराई के खिलाफ हूं।
आशीष पारीक ने कहां कि हनुमानगढ़ को राजस्थान का चहुंमुखी विकास ही मेरा संकल्प है, इसके लिए संघर्ष करता रहूंगा।