आठ रचनाधर्मियों को अमृत सम्मान देगी राजस्थान साहित्य अकादमी

जयपुर. राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण ने 75 वर्ष से अधिक की उम्र के नौ रचनाधर्मियों को वर्ष 2022-23 का अमृत सम्मान देने की घोषणा की है। अमृत सम्मान समिति की बैठक में यह निर्णय किया गया। अकादमी सचिव डॉ. बसंत सिंह सोलंकी ने बताया कि अकादमी अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में सरस्वती सभा एवं समिति सदस्य डॉ. हेमेंद्र चंडालिया, मीरां पुरस्कार से समादृत साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश पंड्या ज्योतिपुंज ने हिस्सा लिया, वहीं सरस्वती सभा एवं समिति सदस्य रामानंद राठी ने ऑनलाइन भागीदारी की। समिति ने प्राप्त आवेदनों पर विचार किया और संचालिका संस्तुति अनुरूप प्रांत के आठ साहित्य सेवियों का चयन अमृत सम्मान के लिए किया। सचिव डॉ. सोलंकी ने बताया कि जयपुर के डॉ. सुलोचना रांगेय राघव, पुष्पा शरद देवड़ा, डॉ. कल्याण प्रसाद वर्मा, झालावाड़ के ग्यारसीलाल सेन, बीकानेर के लक्ष्मीनारायण रंगा, सरल विशारद, चूरू के शिव कुमार शर्मा मधुप तथा वांसवाड़ा की भारती भावसार का चयन वर्ष 2022-23 के अमृत सम्मान हेतु किया गया है। ये अमृत सम्मान 28 जनवरी, शनिवार को अकादमी स्थापना दिवस समारोह में अकादमी सभागार, उदयपुर में आयोज्य समारोह में प्रदान किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि हिंदी भाषा, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, साक्षरता, पत्रकारिता आदि की सेवा करने वाले 75 वर्ष से अधिक उम्र के साहित्यकार जिनको इससे पहले अकादमी का कोई भी सम्मान या पुरस्कार प्राप्त नहीं हुआ है उन्हें 31 हजार रुपये की राशि का यह अमृत सम्मान प्रदान किया जाता है।

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