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इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद मनोज सैनी ने उप सभापति अनिल खीचड़ पर अभद्रता का आरोप लगाया। उन्होंने कहाकि खीचड़ ने कभी पार्षदों का सम्मान नहीं किया। मेरे जैसे सीनियर्स के साथ अभद्र व्यवहार किया। जब तत्कालीन सभापति गणेशराज बंसल से शिकायत की तो उन्होंने एक्शन लिया और फिर हमें सम्मान मिला। ऐसे उप सभापति को पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। हम सब एकजुट होकर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं।
मनोज सैनी के अलावा किसी भी पार्षद ने अपनी बात नहीं रखी। अलबत्ता, सभापति सुमित रणवां ने कहाकि पूरा सदन एकजुट है, इसलिए चर्चा के बजाय सीधे मतदान करवाया जाए। इस पर एसडीएम दिव्या चौधरी ने मतदान की प्रक्रिया समझाई और पार्षदों से स्वतंत्र होकर मतदान करने का आग्रह किया। कुछ ही मिनट में 53 पार्षदों ने मतदान प्रक्रिया पूरी कर ली और तत्काल परिणाम घोषित कर दिए गए। इस तरह नगरपरिषद में पूर्व विधायक चौधरी विनोद कुमार के खास सिपहसालार अनिल खीचड़ उपसभापति पद से मुक्त हो गए। पार्षदों ने विधायक गणेशराज बंसल को बधाई दी और बस में सवार होकर रवाना हो गए। नगरपरिषद में ऐहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात था।
नगरपरिषद में उप सभापति की कुर्सी बचाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी के 36 पार्षदों के लिए व्हिप जारी किया था। इसके तहत कांग्रेसी पार्षदों को अविश्वास प्रस्ताव की बैठक से नदारद रहने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन पार्टी पार्षदों ने व्हिप को धत्ता बताते हुए उत्साह के साथ कार्यवाही में हिस्सा लिया।