भटनेर पोस्ट ब्यूरो. हनुमानगढ़. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव संतोष स्नेही ने कहा कि लीगल एज्यूकेशन को बढ़ावा देने के लिए इसे अनिवार्य शिक्षा में शामिल किया जाना चाहिए। दसवीं तक के लिए संविधान की शिक्षा जरूरी होनी चाहिए। संविधान व समाज की शिक्षा बेहद आवश्यक है। जिला न्यायालय परिसर में ‘टेली लॉ योजना मेगा विधिक जागरुकता शिविर एवं डॉर स्टेप कांउसलिंग कार्यक्रम’ में उन्होंने कहाकि देश में पचास बरस पहले तक जो मुद्दे थे, वे आज भी हैं। जेल के हालात में ज्यादा फर्क नहीं आया है। बहुत से लोग कानूनी मदद से वंचित हैं। इसके दो कारण हैं। जितनी योजनाए हैं वे कागजी हैं तथा अंग्रेजी में हैं। शहरों तक सीमित है। जस्टिस स्नेही ने कन्याओं को अधिकाधिक कानूनी पढ़ाई कराने पर जोर देते हुए कहा कि यदि किसी घर में एक लडक़ी वकील होगी तो वह परिवार एवं समाज में विधिक जागरुकता का काम खुद ही कर लेगी। मगर यह देखना जरूरी है कि क्या डिग्री हासिल करने के बाद वह लीगल प्रोफेशन, बार या बैंच में अनवरत जारी रख पाती है। यह बड़ी चुनौती है। विधि की छात्राएं अपनी मेहनत व पढ़ाई खराब ना होने दे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि न्याय विभाग एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से लोगों तक सरल व सुगम तरीके से कानूनी मदद पहुंचाने के लिए सीएससी ई-गवर्नेंस के माध्यम से नई पहल की है। इसके माध्यम से वकीलों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोगों से संवाद कराया जाता है। कोई भी नागरिक जमीन-जायदाद, संपत्ति के बंटवारे तथा अन्य अपराधिक मामले आदि में सीएससी पीएलवी या वीएलई के माध्यम से पंजीकरण करवा कर निःशुल्क कानूनी सलाह ले सकता है।
कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश संजीव मागो, विशिष्ट न्यायाधीश मदन गोपाल आर्य, एडीजे पलविन्द्र सिंह, बार संघ अध्यक्ष मनजिन्द्रसिंह लेघा, उपाध्यक्ष सुमित अरोड़ा, सचिव रामकुमार बागोरिया आदि मौजूद रहे। न्यायिक अधिकारियों ने विभिन्न विभागों से लाभान्वित लोगों को जन्म प्रमाण पत्र, ट्राई साइकिल, मूक बधिर विद्यार्थियों को सुनने की मशीन आदि का वितरण किया। कार्यक्रम में एनएम लॉ कॉलेज, एसकेडी लॉ कॉलेज सहित अन्य विधि के विद्यार्थियों ने टेली लॉ योजना की विस्तृत जानकारी दी।
‘हनुमानगढ़ में अच्छा काम हो रहा’
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव संतोष स्नेही ने कहा कि जब से यह जिम्मेदारी मिली है, तब से यही प्रयास किया है कि देश के उन इलाकों में जाऊं जहां फ्लाइट नहीं जाती है। इससे जमीनी स्थिति को और बेहतर ढंग से जाना जा सकता है। क्योंकि सामान्यतः उन क्षेत्रों का चयन किया जाता है जो हवाई सेवा से जुड़ा हो। हालांकि हनुमानगढ़ आकर हैरानी हुई। भले ही इलाका हवाई सेवा से नहीं जुड़ा। मगर यहां अच्छा काम हो रहा है और टीम भी अच्छी है। जस्टिस स्नेही ने जिला विधिक प्राधिकरण अध्यक्ष संजीव मागो की तारीफ की। साथ ही वकीलों की भी सराहना करते हुए कहाकि दिल्ली व यहां के वकीलों में अन्तर है। दिल्ली में वकीलों के चेहरे पर थकावट रहती है। उनसे बात करते समय ऐसा आत्मविश्वास पैदा नहीं होता जैसा हनुमानगढ़ के वकीलों से बात करते समय हुआ। इसलिए जहां ऐसी टीम हो और उनके लीडर हो तो क्या मजाल है कि कोई योजना कामयाब ना हो।