भटनेर पोस्ट सिटी डेस्क.
ट्रांसफॉर्मेटिव यानी बदलाव या फिर परिवर्तनकारी। हनुमानगढ़ में ट्रांसफॉर्मेटिव थर्सडे नामक संस्था ने सामाजिक बदलाव के लिए जन जागरूकता का बीड़ा उठाया है। डायरेक्टर एडवोकेट मिताली अग्रवाल, एडवोकेट सुचेता जैन, सह संस्थापक माही जुनेजा व सिमरन जुनेजा इस मकसद को पूरा करने में जुटी हुई है।
हनुमानगढ़ टाउन में ट्रांसफॉर्मेटिव थर्सडे की टीम ने डिजिटल डिटॉक्स सत्र का आयोजन किया। सेंटल पार्क में हुए कार्यक्रम में युवाओं को डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया। यह सत्र पूरी तरह से निःशुल्क था और इसमें कई बोर्ड गेम्स का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने भाग लिया और डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त की।
एडवोकेट मिताली अग्रवाल कहती हैं-‘ट्रांसफॉर्मेटिव थर्सडे का विजन एक ऐसा समाज बनाना है जहां युवा स्वस्थ, संतुलित, और समाज के प्रति जिम्मेदार हों।’ एडवोकेट सुचेता जैन कहती हैं-‘इसका मिशन युवाओं के व्यक्तिगत विकास, मानसिक स्वास्थ्य, और सामाजिक जिम्मेदारी को लेकर उन्हें शिक्षित करना भी है ताकि वे अपने जीवन को संतुलित रख सकें।’
इस सत्र के आयोजन के लिए ट्रांसफॉर्मेटिव थर्सडे ने नगरपालिका हनुमानगढ़ टाउन से अनुमति प्राप्त की थी। संस्थापक सुचेता जैन के मुताबिक, खुशी है कि हमने इस सत्र का सफल आयोजन किया और युवाओं को डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया।
टीम के सह-संस्थापक मही जुनेजा और सिमरन जुनेजा ने कहती हैं-‘हमें यह देखकर खुशी हुई कि युवा इस आयोजन में इतने उत्साहित थे और उन्होंने डिजिटल डिटॉक्स के महत्व को समझा।’
डायरेक्टर एडवोकेट मिताली अग्रवाल ने कहाकि यह आयोजन न केवल युवाओं के लिए उपयोगी था, बल्कि समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश देने में सफल रहा। हमें उम्मीद है कि यह आयोजन युवाओं को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगा।
रयान कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संतोष राजपुरोहित ने ट्रांसफॉर्मेटिव थर्सडे की टीम को इस आयोजन के लिए बधाई दी और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से युवाओं को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।