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भारतीय संविधान के अंगीकरण की 75वीं वर्षगांठ 26 नवंबर, 2024 पर जिले भर में संविधान दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। भारतीय संविधान सभा कि यादों को प्रदर्शित करती प्रदर्शनी और विचारों को साझा करने के लिए जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला कलेक्टर काना राम, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश शिव चरण मीणा, जिला परिषद सीईओ ओम प्रकाश बिश्नोई ने रिबन काटकर प्रदर्शनी शुभारंभ किया। अतिथियों को सहायक जनसंपर्क अधिकारी राजपाल लंबोरिया ने प्रदर्शनी का अवलोकन करवाया।
जिला कलेक्टर ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि कर्तव्य दिखाने से ही अधिकारों की गरिमा बनती है। हमारे हमारे लिए कर्तव्य अधिकारों से ऊपर है। हम सभी अधिकारों के लिए आगे रहते हैं, परंतु कर्तव्यों को पीछे छोड़ देते हैं। जब हम कर्तव्य को अधिकारों से ऊपर रखते हैं, तभी तनाव की स्थितियां पैदा होती है। संविधान गोष्ठियों की आवश्यकता पड़ती है, संविधान पर मंथन की आवश्यकता पड़ती है। देश में तमाम विविधिताओं के बावजूद संविधान देश के शासन, नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करते हुए भारत को एक संघीय, धर्मनिरपेक्ष और सशक्त लोकतांत्रिक देश बनाए हुए है। यही वजह है कि भारतीय प्रस्तावना को पूरी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तावना माना गया है।
जिला कलेक्टर काना राम ने कहा कि वो संविधान सभा के सभी सदस्यों के योगदान के लिए उन्हें नमन करते हैं। इस मौके पर उन्होंने खुले मंच के साथ संगोष्ठी जैसे कार्यक्रमों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना में ‘हम भारत के लोग’ से शुरू होकर आत्मसात करते हैं, तक शब्द यही बताते हैं कि संविधान के प्रति हमारी जिम्मेदारियां है। उन्होंने प्रस्तावना पर गहनता से विचार रखें। कलेक्टर ने कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है, यह संविधान सभा के सदस्यों की दूरदर्शिता का परिणाम है। इतनी आधुनिक सोच के साथ संविधान को लिखा गया है कि उनमें लिखें शब्दों की प्रासंगिकता आज भी है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र शर्मा, राजू रामगढिया आदि ने अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर और पोधे भेंट कर स्वागत किया। जाने-माने शायर डॉ. प्रेम भटनेरी ने ‘जवान देश के हैं ये इन्हें सलाम करें, वतन की शान हैं ये इनका एहतराम करें, हमारे सोच से हटकर ये सोच इनका है कि जिन्दगी का हरिक पल वतन के नाम करें….’ गाकर समा बांध दिया। बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा ने ‘नानी तू है कैसी नानी’ कविता का वाचन किया। वरिष्ठ पत्रकार बालकृष्ण थरेजा ने अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर अपनी बात कही। कार्यक्रम के अंत में सह्ययक जनसंपर्क अधिकारी राजपाल लंबोरिया ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। मंच संचालन वीरेन्द्र छापोला ने किया।
दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है अपना संविधान: एडीजे
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं एडीजे शिवचरण मीणा ने विस्तार से संविधान सभा की भूमिका, संविधान सभा के गठन, संविधान के उद्देश्यों तथा महत्वपूर्ण अनुच्छेदों पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय संविधान को दुनिया सर्वश्रेष्ठ संविधान बताते हुए कहाकि यह मानवीय अधिकारों का वैश्विक दस्तावेज है। भारतीय संविधान ही है जिसमें विविधताओं में एकता की भावना परिलक्षित होती है।
पिलर्स पर पड़े हैं असर: सीईओ
जिला परिषद सीईओ ओपी बिश्नोई ने बताया कि संविधान की प्रस्तावना में ही संविधान के मूल्य झलकते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि बदलते दौर में लोकतंत्र के सभी पिलर्स पर असर पड़ा है। जाहिर है, उनमें सुधार की पूरी गुंजाइश है। सीईओ ओपी बिश्नोई ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहाकि एक साथ आजाद हुए देश की क्या हालत है। वहां पर अराजकता व्याप्त हो गई, इसलिए क्योंकि उनके पास भारत जैसा मजबूत संविधान नहीं है। भारत को जोड़े रखने में संविधान का बड़ा महत्व है।
चूक की गुंजाइश न छोड़ें जिम्मेदार लोग: झा
वरिष्ठ पत्रकार गोपाल झा ने अपने संबोधन में कहा कि ‘हम भारत के लोग’ केवल एक वाक्य ही नहीं वरन महान भारतीय संस्कृति का जीवन दर्शन है। ये चार शब्द हमारे लोकतंत्र की आत्मा को परिभाषित करते हैं और यही भारतीय संविधान की सबसे बड़ी खासियत भी है। गोपाल झा ने कहा कि एक सामान्य मजदूर एवं सामान्य व्यक्ति द्वारा गलतियां करने पर उतनी हानि नहीं होती, जितना एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की गलती करने से होती है। प्रबुद्धजनों तथा जिम्मेदार नागरिकों द्वारा की गई गलतियां पूरे समाज पर प्रभाव डालती है। इसलिए ओहदेदारों को चाहिए कि अपने फैसले में चूक की गुंजाइश न छोड़ें।