भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
भाजपा का सदस्यता अभियान संगठन के लिए गलफांस बन चुका है। आलम यह है कि संगठन स्तर पर तमाम कोशिशों के बावजूद सदस्यता अभियान को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर नहीं आ रहा। हनुमानगढ़ जिले में पार्टी का एकमात्र विधायक है जबकि तीन कांग्रेस और एक निर्दलीय है। यह दीगर बात है कि निर्दलीय विधायक भाजपा का समर्थन कर रहे हैं लेकिन उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण नहीं की है। सदस्यता अभियान का प्रथम चरण पूरा होने के बाद जो रिपोर्ट सामने आई है, इससे पार्टी सकते में है। ऐसा नहीं है कि सदस्यता अभियान को लेकर उदासीनता सिर्फ हनुमानगढ़ जिले में है। सच तो यह है कि पार्टी पूरे देश में सदस्यों की संख्या नहीं बढ़ पाने से पसोपेश की स्थिति में है।
हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो प्रदेश नेतृत्व ने 2.50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले माह यानी 30 सितंबर तक प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है। इस लिहाज से देखें तो पार्टी पूरे जिले में करीब 66 हजार सदस्य बनाने में सफल हो पाई। चूंकि सदस्यता अभियान का दूसरा चरण भी 15 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में पार्टी महज 11 दिन में 1 लाख 83 हजार 500 सदस्य बनाने का टार्गेट कैसे अचीव कर पाएगी, संशय बना हुआ है।
नोहर में सबसे कम सदस्य
हनुमानगढ़ जिले में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। सदस्यता अभियान की प्रगति रिापोर्ट देखने से साफ पता चलता है कि हनुमानग़ढ़ विधानसभा क्षेत्र सर्वाधिक सदस्य बनाने वालों में पहले पायदान पर है। यहां से अब तक करीब 26 हजार सदस्य बनाए जा चुके हैं। वहीं पीलीबंगा में करीब 15 हजार, भादरा में करीब 11 हजार, संगरिया में 7800 व नोहर में करीब 7600 सदस्य बन पाए हैं। इस हिसाब से देखें तो संगरिया और नोहर में पार्टी सदस्य बनने को लेकर कार्यकर्ताओं में पूरी तरह उदासीनता बनी हुई है।
संयोजक डॉ. भारतभूषण शर्मा ने गिनाए कारण
भाजपा सदस्यता अभियान के जिला संयोजक डॉ. भारतभूषण शर्मा सदस्यता अभियान में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाने की बात स्वीकारते हैं। साथ ही यह कहना नहीं भूलते कि टार्गेट अचीव करने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ के साथ बातचीत में जिला संयोजक डॉ. भारतभूषण शर्मा बोले-‘प्रथम चरण में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने के कई कारण है। एक तो यह इलाका खेती-किसानी से जुड़ा है। अधिकांश कार्यकर्ता और लोग खेत में हैं। अब लोग खेतों से लौटने लगे हैं। दूसरी बात, हरियाणा चुनाव में भागीदारी। अधिकांश नेता-कार्यकर्ता हरियाणा चुनाव में व्यस्त रहे हैं। चुनाव निपटते ही फिर अभियान को गति देने का प्रयास होगा। एक बड़ा कारण है कि आज भी बहुत लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है। अब तक हमने ऑनलाइन सदस्यता का तरीका अपनाया है। अब उम्मीद है, ऑफलाइन और मिस्डकॉल के जरिए सदस्य बनाने का काम होगा। फिर यकीनन हम लक्ष्य हासिल करने में सफल होंगे।’