जुर्माने से बचिए, 31 जुलाई तक आईटीआर भरिए!

रोहित अग्रवाल.

इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 139(1) के मुताबिक, किसी कंपनी या ऑडिटेबल रिटर्न को छोड़कर बाकी सभी एसेसीज के लिए एसेटमेंट ईयर (AY) 2024-25 में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की नियत तारीख 31 जुलाई 2024 है। मतलब यह है कि सैलरी से इनकम पाने वाले ज्यादातर इंडीविजुअल्स, स्मॉल बिजनेस और प्रोफेशनल्स के लिए ITR फाइल करने की नियत तारीख 31 जुलाई 2024 है।

निर्धारित तारीख के बाद फाइल किए जाने वाले रिटर्न को बिलेटेड रिटर्न कहते हैं। इनकम से जुड़े बिलेटेड रिटर्न इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139 (4) के तहत फाइल किए जाते हैं। ऐसे रिटर्न संबंधित एसेसमेंट ईयर खत्म होने के तीन महीने पहले किसी समय भी समय फाइल किए जा सकते हैं। यानी, बिलेटेड रिटर्न को 31 दिसंबर 2024 से पहले फाइल किया जा सकता है, जो कि एसेसमेंट ईयर खत्म होने के 3 महीने पहले है।

बिलेटेड रिटर्न, 31 जुलाई तक फाइल किए जाने वाले रेगुलर रिटर्न से अलग होता है। दूसरी लिमिटेशंस के अलावा, इसमें लॉस के कैरी फॉरवर्ड की इजाजत नहीं मिलती है, अगर आप पुरानी योजना में विवरनी दाखिल करना चाहते हैं तो नहीं कर सकते, इसके अलावा, इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234 F के तहत लेट फाइलिंग फीस लगती है। अगर रिपोर्ट की जाने वाली टोटल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक है तो 5000 रुपये की लेट फाइलिंग फीस लगती है। वहीं, अगर व्यक्ति की टोटल इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो 1,000 रुपये तक लेट फीस लग सकती है। हालांकि, अगर टोटल इनकम 2.5 लाख रुपये से कम की रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको नियत तारीख के बाद भी कोई लेट फीस नहीं देनी होगी।

आयकर विवरणी भरने के ये हैं फायदे

अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं भी आते हैं तब भी आपको रिटर्न फाइल करना चाहिए। अगर आप ITR फाइल करते हैं, तो इससे आपको वीजा, बड़े अमाउंट का बीमा लेने, लोन, होम लोन जैसी कई चीजों में सहूलियत मिलती है। आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) के फायदों की बात करें तो आपको टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए ITR दाखिल करना जरूरी है। अगर आपका टीडीएस (TDS) कटता है और आपकी इनकम टैक्सेबल नहीं है तो आप आईटीआर दाखिल कर रिफंड ले सकते हैं। इसका दूसरा सबसे बड़ा फायदा वीजा लेने में है क्योंकि कई देशों की वीजा अथॉरिटीज, वीजा देने के लिए 3 से 5 साल का ITR मांगते हैं। ITR से आपके फाइनेंशियल स्टेटस का पता चलता है। वहीं, ITR फाइल करने पर एक प्रमाण पत्र मिलता है। आय का रजिस्टर्ड प्रमाण मिलने से क्रेडिट कार्ड, लोन या खुद की क्रेडिट साबित करने में मदद होती है। यह आपकी इनकम का प्रूफ होता है। इसे सभी सरकारी और प्राइवेट संस्‍थान इनकम प्रूफ के तौर पर स्‍वीकार करते हैं।

अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ITR भरना बहुत जरूरी है। सरकारी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भी पिछले 5 साल का ITR देना पड़ता है। अगर आप 1 करोड़ रुपए का टर्म प्लान लेना चाहते हैं तो बीमा कंपनियां आपसे ITR मांग सकती हैं।

-लेखक कर सलाहकार व भटनेर पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर हैं

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