भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
अगर आप धान उत्पादक किसान हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अगर आपने पराली जलाई तो आप पर जुर्माना हो सकता है। जी हां, इस आशय को लेकर आदेश जारी किया गया है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. रमेश चंद्र बराला के मुताबिक, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा जारी निर्देश अनुसार फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ क्षेत्रफल तक 2500 रुपए, 2 से 5 एकड़ क्षेत्रफल तक 5000 रुपए तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फसल अवशेष जलाने पर 15000 रुपए पर्यावरण क्षति पूर्ति के रूप में जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में किसानों से अपील की जाती है कि धान फसल कटाई उपरान्त फसल अवशेष, पराली जलाने की बजाय उचित प्रबंधन करें, ताकि पशुओं के लिए चारे की किल्लत भी कम हो सके एवं पर्यावरण को प्रदूषित होने से भी बचाया जा सके।
गौरतलब है कि हनुमानगढ़ जिले में इस बार लगभग 35 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में धान फसल की बुवाई की गई है, जिससे 20-25 लाख क्विंटल पराली का उत्पादन अनुमानित है। किसानों द्वारा धान फसल कटाई के तुरंत बाद खेत खाली कर गेहूं की बुवाई करने के लिए धान फसल अवशेष (पराली) को जलाने की प्रवृत्ति है। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित आयोग द्वारा निर्देश दिए है कि धान की कटाई के दृष्टिगत जिले में फसल अवशेष को नहीं जलाने के संदर्भ में कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि हनुमानगढ़ जिले में इस बार लगभग 35 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में धान फसल की बुवाई की गई है, जिससे 20-25 लाख क्विंटल पराली का उत्पादन अनुमानित है। किसानों द्वारा धान फसल कटाई के तुरंत बाद खेत खाली कर गेहूं की बुवाई करने के लिए धान फसल अवशेष (पराली) को जलाने की प्रवृत्ति है। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित आयोग द्वारा निर्देश दिए है कि धान की कटाई के दृष्टिगत जिले में फसल अवशेष को नहीं जलाने के संदर्भ में कार्रवाई की जाए।