भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
‘टाइम’ ने लिखा ही नहीं ‘केटलिस्ट‘ अर्थात परिवर्तन लाने वाला भी बताया। स्मार्टफोन योजना के तहत 1 करोड, 40 लाख परिवारों की महिला मुखिया को स्मार्टफोन, तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ निशुल्क दिया जा रहा है। योजना के तहत पहले चरण में 40 लाख महिलाओं को मोबाइल देने की प्रक्रिया जारी है, बाकी महिलाओं को भी जल्द ही मोबाइल मिलेंगे। इसी तरह गिग वर्कर्स के लिए कानून बनाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है, विश्व के विकसित देशों में इनके लिए कानून बने हुए हैं, उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। भारत सरकार ने इस दिशा में कोई खास काम नहीं किया है, श्रम संहिता तो जारी की है लेकिन बात इससे ज्यादा आगे नहीं बढी, प्रदेशों की बात तो छोड ही दीजिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता का प्रमाण है कि असंगठित क्षेत्र में कामगारों के लिए, जिनकी आवाज उठाने वाला कोई नहीं था, उनके लिए भी कानून बनाकर 200 करोड रूपए का वेलफेयर फंड भी बनाया। अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना में 1 करोड, 6 लाख जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन उपलब्ध कराया जा रहा है, सरकार इस पर 392 करोड रूपए खर्च कर रही है। महंगाई के इस दौर में इन परिवारों को इस योजना से बडा सहारा मिला है।