भटनेर पोस्ट चुनाव डेस्क.
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे ने नामांकन दाखिल करते वक्त समर्थकों के सामने रिटायरमेंट की बात कह कर राजनीतिक गलियारे में कई सवालों को जन्म दिया है। समर्थकों ने मुखातिब राजे ने कहाकि सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह को सुनकर लगा कि आप लोगों ने प्यार से, आंखें दिखाकर और साथ रहकर ऐसा तैयार कर दिया है कि अब मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं। मुझे लगता है कि अब मैं रिटायर हो सकती हूं।
दरअसल, राजे के इस भाषण के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ विश्लेषक इसे पार्टी में अपनी उपेक्षा से आहत होकर दिया गया बयान बता रहे हैं तो कुछ का कहना है कि यह हंसी-मजाक में कही गई बातें हैं जिसे गंभीरता से नहीं लिया जा सकता। वैसे भी राजे हंसी मजाक में बहुत कुछ कह जाती हैं। तीसरे पक्ष का कहना है कि संभव है, मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की भनक से खिन्न राजे ने जानबूझकर ऐसा इशारा किया हो। कुछ भी हो, राजे की एक-एक बात पर सबकी नजर रखती है और उनका यह भाषण भी आलाकमान तक पहुंचाया गया है। वैसे भाषण को लेकर भले सबकी राय अलग-अलग हो लेकिन इस बात पर सब एकमत दिखते हैं कि भाजपा में वसुंधराराजे की लोकप्रियता के सामने कोई और नहीं। वैसे आप क्या सोचते हैं ?
दरअसल, राजे के इस भाषण के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ विश्लेषक इसे पार्टी में अपनी उपेक्षा से आहत होकर दिया गया बयान बता रहे हैं तो कुछ का कहना है कि यह हंसी-मजाक में कही गई बातें हैं जिसे गंभीरता से नहीं लिया जा सकता। वैसे भी राजे हंसी मजाक में बहुत कुछ कह जाती हैं। तीसरे पक्ष का कहना है कि संभव है, मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की भनक से खिन्न राजे ने जानबूझकर ऐसा इशारा किया हो। कुछ भी हो, राजे की एक-एक बात पर सबकी नजर रखती है और उनका यह भाषण भी आलाकमान तक पहुंचाया गया है। वैसे भाषण को लेकर भले सबकी राय अलग-अलग हो लेकिन इस बात पर सब एकमत दिखते हैं कि भाजपा में वसुंधराराजे की लोकप्रियता के सामने कोई और नहीं। वैसे आप क्या सोचते हैं ?