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आखिरकार, लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित हो गया। कुल 454 सांसदों ने समर्थन और महज दो सांसदों ने विरोध में वोट दिए। इससे पहले बिल पर हुई चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से कई सदस्यों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ओबीसी आरक्षण की मांग की। साथ ही केंद्र पर ओबीसी की अनदेखी का आरोप लगाया। वहीं राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया। महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ओबीसी आरक्षण, परिसीमन का मुद्दा या जनगणना को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, मैं सबका जवाब देता हूं। सबसे पहला जवाब विद्यमान संविधान में तीन तरह के सांसद आते हैं, जो सामान्य, एससी और एसटी कैटेगरी से आते हैं। ये तीनों कैटेगरी में हमने महिलाओं का 33 फीसद आरक्षण कर दिया है। राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ 3 ओबीसी से हैं। राहुल गांधी ने कहा- डरो मत ….. हम जातीय जनगणना की बात कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि यह बिल युग बदलने वाला है। अमित शाह ने इस बिल के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। अमित शाह ने कहा कि कुछ दलों के लिए महिला आरक्षण एक राजनैतिक मुद्दा हो सकता है, चुनाव जीतने का हथियार हो सकता है लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेंद्र मोदी के लिए यह राजनैतिक मुद्दा नहीं है।