भटनेर पोस्ट चुनाव डेस्क.
नाक काटने का क्या मतलब होता है ? बदनाम करना या फिर अपमानित करना। छोड़िए, मतलब कुछ भी हो। भाजपा के इस वरिष्ठ नेता ने बीजेपी आलाकमान की ‘नाक काटने’ का संकल्प ले लिया है। जी हां, ये विधायक हैं कैलाश मेघवाल। विधानसभा अध्यक्ष रह चुके कैलाश मेघवाल भाजपा के कद्दावर दलित नेता माने जाते रहे हैं। भाजपा आलाकमान के साथ उनकी तल्खी तब बढ़ गई जब उन्होंने केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ दिए और जांच करवाने की मांग कर दी। बात यहीं तक रहती तो भी दिक्कत नहीं थी, कैलाश मेघवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जमकर तारीफ कर दी। बस, ये बात आलाकमान को हजम नहीं हुई। उन्हें अनुशासनहीनता का नोटिस थमाया गया और और आखिर में पार्टी से निलंबित कर दिया गया। बीजेपी ने शाहपुरा सीट से लालाराम बैरवा टिकट दिया है जिन्हें कार्यकर्ता बाहरी बता रहे हैं।
पार्टी के फैसले से खफा कैलाश मेघवाल शाहपुरा पहुंचे और निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। बकौल कैलाश मेघवाल, ‘भाजपा से ही अंतिम चुनाव लड़ने की इच्छा थी, लेकिन पार्टी ने मौका नहीं दिया। टिकट के बिना चुनाव लड़ने का मन नहीं था लेकिन अब कार्यकर्ताओं के आदेश को टालना संभव नहीं है। इन्हीं कार्यकर्ताओं के सहयोग से चुनाव जीतता रहा हूं। ऐसे में चुनाव मैदान में उतरना होगा। सोमवार को नामांकन दाखिल करूंगा और रिकार्ड मतों से जीतकर भाजपा आलाकमान की नाक काटूंगा।’ कैलाश मेघवाल के एलान से भाजपा में हड़कम्प मचा हुआ है।
पार्टी के फैसले से खफा कैलाश मेघवाल शाहपुरा पहुंचे और निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। बकौल कैलाश मेघवाल, ‘भाजपा से ही अंतिम चुनाव लड़ने की इच्छा थी, लेकिन पार्टी ने मौका नहीं दिया। टिकट के बिना चुनाव लड़ने का मन नहीं था लेकिन अब कार्यकर्ताओं के आदेश को टालना संभव नहीं है। इन्हीं कार्यकर्ताओं के सहयोग से चुनाव जीतता रहा हूं। ऐसे में चुनाव मैदान में उतरना होगा। सोमवार को नामांकन दाखिल करूंगा और रिकार्ड मतों से जीतकर भाजपा आलाकमान की नाक काटूंगा।’ कैलाश मेघवाल के एलान से भाजपा में हड़कम्प मचा हुआ है।