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मुख्य अतिथि विरासत विद्यापीठ की सातवीं कक्षा के छात्र आर्यन वर्मा रहे जबकि अध्यक्षता की नॉर्थ पांइट पब्लिक स्कूल की आठवीं कक्षा की छात्रा सृष्टि झा ने। केन्द्रीय विद्यालय सीकर की छठी कक्षा के छात्र अभिमन्यु तिवाड़ी ने बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत की। पुस्तक लोकार्पण के बाद अतिथियों को संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट में दिया गया।
कार्यक्रम में संस्था के सचिव और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, पक्का भादवा के प्रिंसिपल राजेन्द्र डाल, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, डब्बरवाला़ के प्रिंसिपल सीताराम तथा वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार गोपाल झा भी कार्यक्रम में शरीक हुए और उन्होंने बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा को शुभकामनाएं दीं।उल्लेखनीय है कि दीनदयाल शर्मा की यह 56 वीं पुस्तक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं सृष्टि झा ने कहाकि बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की बहुत सी किताबें पढ़ने को मिली हैं। प्रत्येक किताबें अच्छी लगीं। मुख्य अतिथि आर्यन वर्मा ने कहाकि चित्रकला से लगाव होने के कारण वे सबसे पहले किताब का कवर पेज देखते हैं, दीनदयाल शर्मा की प्रत्येक किताबों का कवर आकर्षित करता है।
विशिष्ट अतिथि अभिमन्यु तिवाड़ी ने कहाकि उन्हें बचपन से ही दीनदयाल शर्मा की कविताएं पसंद हैं। अभिमन्यु ने ‘नानी’ शीर्षक की कविता सुनाई।
बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा ने कहाकि बच्चों की किताबें बच्चों के लिए होती हैं। जब उनके हाथों से किताब का लोकार्पण होगा तो ही बाल साहित्य का अर्थ बचेगा। इसी सोच के साथ वे बाल साहित्य से जुड़ी किताबों का लोकार्पण बच्चों के हाथों करवाना पसंद करते हैं। वैसे भी ये तीनों बच्चे न सिर्फ पढ़ाई बल्कि आचरण और क्षेत्र विशेष में दक्षता हासिल कर रहे हैं।