भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
राजस्थान विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच राजस्थान जाट महासभा अध्यक्ष राजाराम मील की सक्रियता को लेकर खूब खबरें आ रही हैं। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस नेता सचिन पायलट से मुलाकात की। इससे पूर्व वे भाजपा नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। आखिर क्या हैं इन मुलाकातों के मायने ?
दरअसल, राजाराम मील का कहना है कि कांग्रेस और बीजेपी जाट वर्ग की अनदेखी कर रही है। टिकट वितरण में जाटों को कम टिकट दिए गए हैं। कांग्रेस-बीजेपी से नाराज राजाराम मील ने 28 अक्टूबर को जयपुर में राजस्थान जाट महासभा की मीटिंग बुलाई है। इसमें आगामी रणनीति का एलान किया जाएगा।
देखा जाए तो भाजपा ने अब तक 124 उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। इसमें जाट वर्ग से 23 प्रत्याशियों को मौका मिला है। वहीं, कांग्रेस की महज 76 उम्मीदवारों की सूची में जाट समाज से 16 प्रत्याशी हैं।
बताया जा रहा है कि जाट महासभा प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील की सबसे बड़ी पीड़ा है सूरतगढ़ से मील परिवार को तवज्जो न मिलना। कांग्रेस ने पिछली बार उनके भतीजे हनुमान मील को टिकट दिया था लेकिन वे हार गए थे। इस बार हनुमान की जगह डूंगरराम गेदर को टिकट मिला है। इस बात से मील परिवार कांग्रेस से खफा है। वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शिकायत करने महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले थे। लेकिन उनकी बात अनुसुनी हो गई। अब राजाराम मील ने गांधी परिवार तक अपनी नाराजगी पहुंचाने के लिए सचिन पायलट को माध्यम बनाया है।
दरअसल, राजाराम मील का कहना है कि कांग्रेस और बीजेपी जाट वर्ग की अनदेखी कर रही है। टिकट वितरण में जाटों को कम टिकट दिए गए हैं। कांग्रेस-बीजेपी से नाराज राजाराम मील ने 28 अक्टूबर को जयपुर में राजस्थान जाट महासभा की मीटिंग बुलाई है। इसमें आगामी रणनीति का एलान किया जाएगा।
देखा जाए तो भाजपा ने अब तक 124 उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। इसमें जाट वर्ग से 23 प्रत्याशियों को मौका मिला है। वहीं, कांग्रेस की महज 76 उम्मीदवारों की सूची में जाट समाज से 16 प्रत्याशी हैं।
बताया जा रहा है कि जाट महासभा प्रदेशाध्यक्ष राजाराम मील की सबसे बड़ी पीड़ा है सूरतगढ़ से मील परिवार को तवज्जो न मिलना। कांग्रेस ने पिछली बार उनके भतीजे हनुमान मील को टिकट दिया था लेकिन वे हार गए थे। इस बार हनुमान की जगह डूंगरराम गेदर को टिकट मिला है। इस बात से मील परिवार कांग्रेस से खफा है। वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शिकायत करने महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिले थे। लेकिन उनकी बात अनुसुनी हो गई। अब राजाराम मील ने गांधी परिवार तक अपनी नाराजगी पहुंचाने के लिए सचिन पायलट को माध्यम बनाया है।