भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
डॉ. निशांत बतरा। जाने माने सर्जन हैं। छोटी उम्र में सफलता का परचम लहरा चुके हैं। सर्जरी के क्षेत्र में राजस्थान, पंजाब और हरियाणा क्षेत्र में इनका दबदबा है। लेकिन इसके इतर सोशल मीडिया में इनकी सक्रियता चर्चा का विषय है। फेसबुक हो या व्हाट्सएप ग्रुप। अपनी चुटीली कमेंट से सबको आकर्षित करने में माहिर हैं। बहस की शुरुआत और अंत करना इन्हें बखूबी आता है।
डॉ. निशांत बतरा ‘भटनेर पोस्ट’ से कहते हैं कि सोशल मीडिया अब जिंदगी का हिस्सा है। इसके बगैर आप नहीं रह सकते। पूरी दुनिया सिमट गई है। स्टडी हो या फिर कनेक्टीविटी। सब कुछ आसान है। ‘वैश्विक’ शब्द पहले हैरान करता था, अब इसका अर्थ छोटा महसूस होता है। यह सब सोशल मीडिया का ही कमाल है।
दूसरी तरफ, वे सोशल मीडिया के साइड इफेक्ट की तरफ भी इशारा करते हैं। डॉ. बतरा कहते हैं, ‘अब तो यह राजनीतिक दलों के लिए घातक हथियार की तरह काम करने लगा है। वे झूठ-दर-झूठ परोसने लगे हैं। आप सोशल मीडिया पर उपलब्ध कंटेंट पर भरोसा नहीं कर सकते। आपको दिल और दिमाग खुला रखना होगा। तभी आप अपनी काबिलियत पर कायम रह सकते हैं वरना सोशल मीडिया पर उपलब्ध कंटेंट के भरोसे कभी गच्चा खा सकते हैं।’
डॉ. निशांत बतरा मानते हैं कि सोशल मीडिया ने समाज में धर्म के नाम पर सबसे अधिक झूठ प्रसारित किया है। धार्मिक कट्टरता फैलाने में महत्ती भूमिका निभाई है। इस जहरीले वातावरण के लिए सोशल मीडिया जिम्मेदार है। हमें धर्म का मर्म समझना होगा। दूसरे धर्मों के प्रति आदर का भाव रखना ही अपने धर्म के प्रति समर्पण भाव रखने का बड़ा प्रमाण है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
डॉ. बतरा व्यस्ततम समय में से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के लिए टाइम कैसे निकाल पाते हैं ? इस सवाल पर डॉ. निशांत बतरा मुस्कुराते हुए कहते हैं, ‘हर काम के लिए समय निर्धारण करना पड़ता है। इसे ही समय प्रबंधन कहते हैं। हर आदमी के लिए 24 घंटे ही है, इसका इस्तेमाल कैसे करना है, यह खुद पर निर्भर है। इसी बहाने सैकड़ों लोगों के विचार जानने का मौका मिल जाता है। यह क्या कम है ?’