भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
सियासत का रंग अलग ही है। पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष रहे सुनील जाखड़ अब पंजाब बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष बन गए हैं। प्रदेशाध्यक्ष पद पहले की भांति है, हां अब पार्टी बदल गई है और ‘विचारधारा’ भी। राजस्थान की राजनीति में जाखड़ परिवार का विशेष दखल रहा है। सुनील जाखड़ के पिता डॉ. बलराम जाखड़ सीकर से चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं हनुमानगढ़ विधानसभा सीट पर इस परिवार की पकड़ रही है। मौजूदा विधायक चौधरी विनोद कुमार के ममेरे भाई हैं सुनील जाखड़। हर चुनाव में अबोहर की टीम कांग्रेस प्रत्याशी के लिए वोट जुटाती रही है। लिहाजा, जब जाखड़ बीजेपी में शामिल हुए थे तो यह चर्चा जोरों पर थीं कि क्या अब भी जाखड़ अपने फुफेरे भाई चौधरी विनोद कुमार के लिए वोट मांगेंगे ? लेकिन इस संभावना पर विराम लग चुका है। जब दोनों भाईयों की राजनीतिक विचारधारा अलग हो गई हो तो फिर चुनाव में एक-दूसरे का प्रत्यक्ष समर्थन नामुमकिन हो जाएगा।
राजनीति के जानकार बताते हैं कि कहीं ऐसा न हो सुनील जाखड़ अपने दूसरे फुफेरे भाई कृष्ण कड़वा के लिए हनुमानगढ़ वोट जुटाने आ जाएं। क्योंकि कड़वा बीजेपी में हैं और फिर टिकट की दावेदारी जता रहे हैं। इस बार उनकी नजर हनुमानगढ़ सीट पर है क्योंकि चर्चा है विधायक चौधरी विनोद कुमार खुद चुनाव मैदान से हटने वाले हैं और वे अपने पुत्र भूपेंद्र चौधरी को राजनीतिक विरासत सौंपने का मन बना चुके हैं। चर्चा है, अगर कांग्रेस भूपेंद्र चौधरी को उम्मीदवार बनाती है और इसकी पूरी संभावना है तो फिर बीजेपी कृष्ण कड़वा पर दांव खेले। पार्टी में जिस तरह 80 प्लस उम्र वाले को टिकट नहीं देने की चर्चा हो रही है, इस हिसाब से हनुमानगढ़ सीट पर भी फेरबदल की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
बहरहाल, संभावनाओं और अटकलों का दौर है। जितने मुंह, उतनी बातें। सच्चाई कुछ भी नहीं। बावजूद इसके सुनील जाखड़ के पंजाब बीजेपी अध्यक्ष बनने से हनुमानगढ़ की राजनीति पर असर पड़ना तय है। अब वह असर कैसे पड़ेगा, इसके लिए उचित समय का इंतजार ही एकमात्र विकल्प है।