भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
प्रकृति हम सबकी परीक्षा ले रही है। बाढ़ की चपेट में आए राज्यों की हालत दयनीय है। अब तो हमारा शहर भी उसी कगार पर है। जी हां। हनुमानगढ़ की बात कर रहा हूं। बाढ़ की आशंका के बीच बारिश का दौर बेहद खतरनाक है। बंधे कमजोर होंगे। पानी का रिसाव होगा। बस, वही खतरनाक स्थिति पैदा करेगा। तटबंधों की मजबूती बेहद जरूरी है।
प्राकृतिक आपदा को प्रशासन के भरोसे नियंत्रित करना मुमकिन नहीं। इस आपदा को रोकने में प्रशासनिक अमला मददगार हो सकता है, हो रहा है लेकिन सब कुछ प्रशासन के भरोसे छोड़ना ठीक नहीं। सच तो यह है कि आम जन की सक्रियता प्रशासन का मनोबल बढ़ाएगा। वह तकनीकी रूप से मजबूती लाएगा। हम यानी आम जनता सहयोगी की भूमिका निभाएंगे तो बेहतर परिणाम आएंगे।
कलक्टर रुक्मणि रियार ने राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई। राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त आयोग अध्यक्ष पवन गोदारा, डीसीसी अध्यक्ष सुरेंद्र दादरी, बीजेपी जिलाध्यक्ष देवेंद्र पारीक, पीसीसी सदस्य भूपेंद्र चौधरी, पंचायत समिति के पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़, निजी स्वयंसेवी शिक्षण संस्था संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश शर्मा, लॉयंस क्लब के दिनेश गुप्ता आदि ने शिरकत की। प्रतिनिधियों ने कलक्टर को आश्वस्त किया कि पूरा शहर प्रशासन के साथ है और कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। उन्होंने कहाकि प्रशासन प्रत्येक संगठनों की ड्यूटी लगाए, जिम्मेदारी सुनिश्चित करे और प्रतिनिधि उसे क्रियान्वित करने में जुट जाएंगे।
आरएसएस के स्वयंसेवकों ने रात के वक्त तटबंधों की निगरानी का दायित्व संभालने का निर्णय किया है। इसके लिए तैयारी की जा रही है। स्वयंसेवकों से कहा गया है कि अपने साथ लाठी, बैटरी व पानी का बोतल साथ लाएं। जिला कार्यवाह मनोज शर्मा ने बताया कि जिला व्यवस्था प्रमुख योगेश गुप्ता, जिला सह प्रचार मंत्री चेतन जिंदल आदि ने टीम बनाकर बंधों पर रात नौ बजे से एक बजे और एक बजे से सुबह पांच बजे निगरानी का जिम्मा लिया है।