भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
नेता को सत्ता चाहिए। सत्ता के लिए चुनाव लड़ना पड़ता है। चुनाव जीतने के लिए ‘टिकट’ की दरकार होती है। टिकट के लिए बड़े नेताओं की ‘चौखट’ पर ‘हाजिरी’ लगानी पड़ती और और ‘सेवा’ भी करनी पड़ती है। सत्ता हासिल करने के इच्छुक लोग ये सब कुछ कर रहे हैं।
जनता अलग-अलग खेमों में विभक्त है। सोशल मीडिया पर अपने पसंदीदा नेता के पक्ष में ‘माहौल’ बनाने में जुटी हैं। दूसरे नेताओं पर तंज कस रही हैं। व्यक्तिगत संबंधों की परवाह किए बिना खुद को संबंधित पार्टी या नेता का ‘समर्पित सिपाही’ दिखाने में अग्रणी है।
इस बीच बड़ी खबर आई कि हनुमानगढ़ देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने देश के 237 शहरों की मॉनिटरिंग में हनुमानगढ़ को सबसे प्रदूषित शहर घोषित कर दिया। सनद रहे, हनुमानगढ़ में वायु की गुणवत्ता का सूचकांक यानी एक्यूआई 342 तक पहुंच गया है। इस सूचकांक को ‘बेहद खराब’ श्रेणी में माना जाता है।
प्रदूषण बढ़ने का दुष्परिणाम हम सब झेल रहे हैं। सजा भुगत रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चों की आंखों पर मोटे-मोटे चश्मे लगने लगे हैं। तीन साल के बच्चों के बाल सफेद हो रहे हैं। दुबले-पतले बच्चों की सेहत नासाज रहने लगी हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता जवाब देने लगी है। बच्चे हार्ट, डायविटीज और कैंसर जैसे घातक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। परिवार दर परिवार बर्बाद हो रहे। असामयिक मौत का सदमा जीवन की खुशहाली को निगल रहा है। हैरानी की बात यह कि हम फिर भी बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए कुछ करना नहीं चाहते।
जिस क्षेत्र की जनता इतनी भोली हो, वहां के जनप्रतिनिधि और अफसर मजे में रहते हैं। उन्हें ‘राजकीय’ कार्यों से इतर सोचने की जरूरत नहीं पड़ती। हनुमानगढ़ भले तकरीबन 20 लाख आबादी वाला जिला हो लेकिन यहां पर शुद्ध पेयजल व शुद्ध भोजन एक सपना है। यह दीगर बात है कि हनुमानगढ़ पूरे राज्य को भोजन उपलब्ध करवाने का माद्दा रखता है। लेकिन पेस्टीसाइड के बढ़ते उपयोग ने जीवन रक्षक भोजन को ‘जहर’ बनाकर रख दिया है। जीने के लिए कोई रोज ‘जहर’ का सेवन करता है ? हमलोग कर रहे हैं न!
जाने-माने बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नवरतन शर्मा ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ से कहते हैं, ‘हालात खराब हैं, बेहद खराब। छोटे-छोटे बच्चों में गंभीर बीमारियां पनप रही हैं। सांस की दिक्कत। छाती में जकड़न। दिल की बीमारी। कैंसर। विकास अवरुद्ध होना। शारीरिक और मानसिक परेशानी। यह सब प्रदूषण के कारण हो रहा है। हमें जागना होगा। खुद पहल करनी होगी। तभी बचेंगे।’
‘भटनेर पोस्ट मीडिया ग्रुप’ आपकी सेहत को लेकर फिकमंद्र है। अपने शहर पर लगे इस ‘दाग’ को खत्म करने की छटपटाहट है। प्रदूषण को रोकना सबसे बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को स्वीकार करने की जरूरत है। सामूहिक प्रयासों से ही इस पर नियंत्रण पाना संभव है। बेशक, ‘भटनेर पोस्ट मीडिया ग्रुप’ शीघ्र ही एक अभियान का आगाज करेगा लेकिन इससे पहले आपके सुझाव आमंत्रित हैं। प्रदूषण रोकने के लिए आप अपना सुझाव व्हट्सएप 96104-48378 पर लिखकर भेज सकते हैं। आपके अमूल्य सुझाव और पहल का हमें बेसब्री से इंतजार रहेगा।