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हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय की राजनीति से एक बारगी कांग्रेस और भाजपा आउट होती दिख रही है। सभापति गणेशराज बंसल के विधायक बनते ही अब शहर की सरकार से दलीय पद्धति खत्म होने को है। माना जा रहा है कि हनुमानगढ़ नगरपरिषद में अब ‘सर्वदलीय सरकार’ का बनना तय हो गया है। बुधवार को 49 पार्षदों ने उप सभापति अनिल खीचड़ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सभापति सुमित रणवा के नेतृत्व में पार्षदों ने एडीएम कपिल यादव को पत्र लिखकर अपना मंतव्य जाहिर किया। दिलचस्प बात है कि 60 सदस्यीय नगरपरिषद में अनिल खीचड़ के खिलाफ 49 पार्षद हैं यानी खुद अनिल खीचड़ और उनकी पार्षद पत्नी सुशीला खीचड़ के अलावा 11 पार्षदों की स्थिति स्पष्ट होना बाकी है। माना जा रहा है, अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए खीचड़ के पास 15 पार्षदों का समर्थन जरूरी है जबकि अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए सुमित रणवा के पास महज 46 पार्षदों का समर्थन चाहिए। इसके विपरीत रणवा के पास इस वक्त 49 पार्षद हैं। इनमें कांग्रेस और भाजपा सहित निर्दलीय पार्षद भी शामिल हैं। ऐसे में उप सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होना तय माना जा रहा है। सभापति सुमित रणवा ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 53 पार्षदों के समर्थन का दावा किया है। उन्होंने कहाकि 49 पार्षदों ने आज अविस्वाश प्रस्ताव रखा है जबकि विधायक सहित 3 पार्षद अभी हनुमानगढ़ से बाहर हैं जिनका समर्थन हासिल है। एडीएम की ओर से मीटिंग के लिए जो तारीख तय की जाएगी उस तारीख को सभी 49 पार्षद मीटिंग में मौजूद रहकर उपसभापति के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव को पास करवाएंगे। उसके बाद जो आदेश कलक्टर की ओर से दिया जाएगा उसे पूरा करवाया जाएगा। रणवा ने कहा कि नौ या दस दिन में मीटिंग होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि गणेश राज बंसल ने विधायक निर्वाचित होने के बाद सभापति पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नए सभापति को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। नगर परिषद सभापति की खाली पड़ी कुर्सी पर दो दिन पहले सोमवार को ही राज्य सरकार की ओर से सुमित रणवा का मनोनयन किया गया था। डीएलबी ने 60 दिवस या राज्य सरकार की ओर से प्रदत्त आगामी आदेश जो भी पूर्व हो, तक के लिए कार्यभार ग्रहण करने के लिए सुमित रणवां को अधिकृत किया। इस संबंध में राज्य सरकार के स्वायत शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव ने आदेश जारी किए थे। राज्य सरकार की ओर से नए सभापति के नाम का एलान करने के बाद सोमवार को नवमनोनीत सभापति सुमित रणवां ने पदभार ग्रहण किया। सुमित रणवां कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव जीतकर पार्षद चुने गए थे।
संख्या बल नहीं फिर भी कुर्सी मोह : रणवा
सभापति सुमित रणवा ने उपसभापति अनिल खीचड़ पर विकास में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने पत्रकारों से कहाकि संख्या बल के बिना कुर्सी मोह अच्छी बात नहीं है। अनिल खीचड़ के पास संख्या बल नहीं है फिर भी वे चेयरमैन पद पर मनोनयन के खिलाफ कोर्ट में जाने की बात करते हैं तो यह हैरान करने वाली बात है। यह उपसभापति का भ्रम है। वे सिर्फ विकास की निरंतरता को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। जब किसी व्यक्ति के पास कुछ नहीं रह जाता तो उसे आराम से घर बैठना चाहिए। उन्हें जब अपनी मनोदशा और दूध का दूध और पानी का पानी दिखना लग जाए तो उस व्यक्ति को हाथ-पैर नहीं मारने चाहिए। उन्हें अपने घर बैठना चाहिए परंतु उसके बावजूद उपसभापति यह चाह रहे हैं कि सभापति की गद्दी उन्हें मिले तो कोर्ट में बैठे न्यायाधीश भी तथ्यों के आधार पर ही कोई निर्णय लेंगे।
विकास कार्यों में अड़ंगा डालना उचित नहींर : गौरव जैन
पूर्व पार्षद गौरव जैन ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ समय से उपसभापति अनिल खीचड़ की ओर से पिछले करीब एक साल से नगर परिषद के कार्यांे में अड़ंगा डाला जा रहा है। यही कारण है कि आज उन्हें हटाने के लिए 49 से अधिक वार्ड पार्षद अविश्वास प्रस्ताव लेकर खड़े हैं। शेष एक साल में नगर परिषद बोर्ड का कार्य सही तरीके से हो, इसलिए सोने की थाली में से पीतल की यह कील हटनी चाहिए और सरकार के साथ ही उपसभापति बनना चाहिए।
खीचड़ को इनका समर्थन
अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ अब तक नौ पार्षदों के होने की खबर है। इनमें खुद उप सभापति अनिल खीचड़ भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस से अनिल खीचड़, सुशील खीचड़, गुरदीप चहल व विकास रांगेरा हैं तो भाजपा के महादेव भार्गव, विजयलक्ष्मी शर्मा, हिमांशु महर्षि, प्रदीप ऐरी व एक अन्य पार्षद शामिल हैं।
अविश्वास प्रस्ताव सौंपने आए ये पार्षद
उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपने जिला कलक्ट्रेट पहुंचने वाले वार्ड पार्षदों में नगर परिषद की पूर्व उपसभापति नगीना बाई, राजेन्द्र चौधरी, मनोज सैनी, नेता प्रतिपक्ष बलराज सिंह दानेवालिया, संतोष बंसल, मंजू रणवां, अब्दुल हाफिज, अर्चित अग्रवाल, गुरदीप सिंह बराड़, सुनील अमलानी, प्रमोद सोनी, प्रमिला सोनी, मंजू ढाका, परमिन्द्र कौर, अंजना जैन, शेरसिंह ढिल्लो, लीलाधर पारीक, विजेन्द्र साईं, रूपेन्द्र यादव, भूपेन्द्र नेहरा, संजय सांसी, सिंगाराम भाट, सुरेश धमीजा, प्रदीप मित्तल, कौरसिंह खोसा, सुरेन्द्र गोंद, सौरभ सिंह, अजमेर सिंह, पार्षद प्रतिनिधि मुकेश भार्गव, प्रेम नायक व रमजान आदि मौजूद रहे।