




भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के होनहार डॉ. अजीत दफ्तरी के प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 371वीं रैंक प्राप्त करनेे खुशी जताई और उन्हें सम्मानित किया। मुख्यमंत्री आवास पर हुए संक्षिप्त कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने डॉ. अजीत की उपलब्धि को मुक्तकंठ से सराहा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘डॉ. अजीत जैसे युवाओं की सफलता से न केवल उनका परिवार गौरवान्वित होता है, बल्कि पूरा प्रदेश भी गर्व महसूस करता है। मुझे विश्वास है कि डॉ. अजीत राजकीय सेवा में एक आदर्श स्थापित करेंगे और अपने कार्य से समाज को नई दिशा देंगे।’ इस अवसर पर राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित राज्य के अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. अजीत की मेहनत, लगन और समर्पण की सराहना की तथा उन्हें एक प्रेरणादायक युवा बताया।
डॉ. अजीत दफ्तरी की इस उपलब्धि से उनका पूरा परिवार गर्व और उत्साह से भर गया है। उनके पिता पंकज दफ्तरी और माता राजलक्ष्मी दफ्तरी की आँखों में खुशी के आँसू थे। उन्होंने कहा कि अजीत ने बचपन से ही अनुशासन और समर्पण के साथ पढ़ाई की और आज उसका फल पूरे समाज को गौरव दिलाने के रूप में मिला है। अजीत के चाचा हरीश दफ्तरी और चाची मधु दफ्तरी ने भी इस सफलता को परिवार के लिए अविस्मरणीय क्षण बताया। वहीं, उनके भाइयों प्रतीक दफ्तरी और प्रेम दफ्तरी तथा बहन उन्नति दफ्तरी ने भी अजीत को गले लगाकर बधाई दी और कहा कि उन्होंने पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है।
डॉ. अजीत दफ्तरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के एक प्रतिष्ठित विद्यालय से प्राप्त की थी और बाद में चिकित्सा क्षेत्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने चिकित्सा सेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, लेकिन समाज के व्यापक हित में कार्य करने के उद्देश्य से उन्होंने सिविल सेवा को चुना। अजीत की यह यात्रा न केवल युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, बल्कि यह भी प्रमाण है कि समर्पण, परिश्रम और उद्देश्य के प्रति निष्ठा से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है।
डॉ. अजीत दफ्तरी की सफलता ने राज्य के अन्य युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे मेधावी युवाओं को हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे प्रशासनिक सेवाओं में जाकर देश और प्रदेश की सेवा कर सकें। प्रदेश भर से मिल रही शुभकामनाओं के बीच डॉ. अजीत ने सभी का आभार जताते हुए कहा, ‘यह सफलता केवल मेरी नहीं, मेरे परिवार, शिक्षकों, और उस समाज की है जिसने मुझे निरंतर प्रेरित किया। मैं अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाने का प्रयास करूँगा।’






