एमएल शर्मा.
क्रिकेट और सिर्फ क्रिकेट। पिछले कुछ समय से हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के दिलो दिमाग में छाया ‘जुनून’ 29 जून की दरम्यानी रात ‘जश्न’ में बदल गया। लोग घरों से बाहर निकल आए और जमकर आतिशबाजी हुई। हर कोई इस विजयी लम्हे को जी भर कर जीना चाहता था। ये जज्बा हो भी क्यों ना? आखिरकार, रोहित ब्रिगेड ने टी 20 विश्वकप में 17 साल के सूखे को खत्म किया है।
वेस्टइंडीज के बारबाडोस स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के साथ खेले गए फाइनल मैच में कोई शर्मा, यादव, सरदार अथवा खान नहीं और ना ही कोई दिल्ली, पंजाब, गुजरात का बल्कि हर खिलाड़ी ‘हिंदुस्तानी’ बनकर खेला व अपने जज्बे से 140 करोड़ भारतीयों को झूमने का मौका दिया। यूं तो टीम के हर खिलाड़ी ने टूर्नामेंट के दौरान जौहर दिखाया। बल्लेबाजी में रोहित शर्मा, किंग कोहली, सूर्यकुमार यादव, शिवम दुबे, ऋषभ पंत व गेंदबाजी में बूम बूम बुमराह, अर्शदीप, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल सभी ने दमदार क्रिकेट खेली।
परंतु हार्दिक पांड्या के जज्बे को सलाम! आईपीएल सीजन में गालियां खाता रहा, ‘छपरी’ का तमगा मिला। तब समय अनुकूल नहीं था और पत्नी के साथ की जरूरत थी तो पत्नी ने छोड़ दिया। वर्ल्डकप टीम में सेलेक्ट हुआ। सब गालियां देने लगे इस छपरी को क्यों लिया है, यह किसी काम का नहीं। लेकिन हार्दिक ने जो वर्ल्डकप में किया वो पूरी दुनिया ने देखा। जब भी मैदान पर आए बल्ले और बॉल से इस बंदे ने अपना जौहर दिखाया।
फाइनल में एक समय ऐसा आया जब अफ्रीका को 30 गेंदों में 30 रन चाहिए थे और 6 विकेट बाकी थे। मैच तकरीबन भारत के हाथ से निकलता दिख रहा था। दर्शकों की सांसें रोक देने वाला पल था। हार के बादल बरसने को तैयार थे। तब हार्दिक आया और सबसे खतरनाक बल्लेबाज क्लासेन को चलता किया। भारतीय टीम ही नहीं हर हिंदुस्तानी एकबार फिर तरोताजा हो गए। भारत की जीत में अंतिम रोड़ा मिलर अब भी क्रीज पर था। कप्तान ने अंतिम ओवर करने की जिम्मेदारी हार्दिक को दी। हार्दिक फिर आते हैं और सबसे बड़ी मछली ‘किलर मिलर’ को आउट एक लगभग हारा हुआ वर्ल्डकप भारत की झोली में डाल देते है। सूर्यकुमार यादव इस टूर्नामेंट में सूर्य की माफिक ही चमके। बाउंड्री लाइन पर सूर्या ने जो कैच लिया वही मैच का टर्निग पॉइंट बन गया। खैर, क्रिकेट अनिश्चितता का खेल है पर भारतीय टीम ने जो एफर्ट दिखाया वो काबिले तारीफ है। चक दे इंडिया।
–लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता व उच्च कोटि के कलमकार हैं