कोरोना का राजस्थान में दस्तक, स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा बयान

भटनेर पोस्ट ब्यूरो.
देशभर में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी है और इसके नए मामलों ने जनमानस को चिंता में डाल दिया है। राजस्थान भी अब इस संक्रमण की जद में आ गया है। राज्य के तीन प्रमुख शहर जयपुर, जोधपुर और उदयपुर से कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने की पुष्टि हुई है। इससे स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मच गया है। खास बात यह है कि जयपुर और उदयपुर में जो मरीज सामने आए हैं, वे कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। इन चिंताजनक परिस्थितियों के बीच राज्य सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि देश में कोरोना को लेकर फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। सब कुछ नियंत्रण में है। देश की 140 करोड़ आबादी में अब तक सिर्फ 246 संक्रमित मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना का जो नया वेरिएंट सामने आया है, वह पूर्व के वेरिएंट्स की तुलना में कम खतरनाक प्रतीत हो रहा है। हालांकि, पूरी सतर्कता बरतना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई, नोएडा, गुरुग्राम जैसे बड़े महानगरों में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में आमजन में एक बार फिर भय और आशंका का माहौल बनता जा रहा है। कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिक अनुसंधान जारी हैं, लेकिन फिलहाल यह राहत की बात है कि अस्पतालों में भर्ती के मामलों में तीव्रता नहीं देखी जा रही है।
सरकारी स्तर पर क्या तैयारी?
राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्कता बढ़ाने और कोविड निगरानी तंत्र को पुनः सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। जांच, ट्रेसिंग और रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। साथ ही, राज्य में ऑक्सीजन सप्लाई, आईसीयू बेड्स और दवाइयों की उपलब्धता की समीक्षा की जा रही है।
जनता के लिए अपील
हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना को लेकर फिलहाल किसी बड़ी चिंता से इनकार किया है, लेकिन विशेषज्ञों और स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि आमजन को पहले जैसी सतर्कता और सावधानी बरतनी चाहिए। मास्क का प्रयोग, सार्वजनिक स्थलों पर दूरी बनाए रखना, भीड़-भाड़ से बचाव और हाथों की स्वच्छता जैसे नियमों का पालन अब भी प्रासंगिक हैं।

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