कपास पर भी फोकस!

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डॉ. संतोष राजपुरोहित.
केंद्रीय बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर में महत्वपूर्ण छूट दी गई है, जिससे 12 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त हो गई है। इससे मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी, जो उपभोग और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी।
कृषि क्षेत्र में, ‘प्रधानमंत्री धनधान्य योजना’ की घोषणा की गई है, जो किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगी। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई है, जिससे किसानों की वित्तीय पहुंच में सुधार होगा। एमएसएमई के लिए ऋण सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये की गई है, जो छोटे और मध्यम उद्योगों के विकास में सहायक होगी। हालांकि, बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अपेक्षित आवंटन नहीं किया गया है, जो दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
कुल मिलाकर, बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और एमएसएमई के लिए सकारात्मक कदम उठाए गए हैं, लेकिन बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
केंद्रीय बजट 2025-26 में कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक पांच वर्षीय मिशन की घोषणा की है। इस मिशन का उद्देश्य कपास की पैदावार में वृद्धि करना है, जिससे देश का कपड़ा उद्योग मजबूत होगा।
इसके अतिरिक्त, सरकार कपास प्रौद्योगिकी मिशन को पुनर्जीवित करने की योजना बना रही है, जिसके लिए पांच वर्षीय योजना के तहत ₹500 करोड़ का आवंटन प्रस्तावित है। इस पहल का लक्ष्य कपास की आपूर्ति में सुधार करना है। हनुमानगढ जिले में भी कपास उत्पादन को देखते हुए इसका लाभ मिलेगा।
-लेखक राजस्थान आर्थिक परिषद के अध्यक्ष रहे हैं

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