डॉ. संतोष राजपुरोहित.
भारत विश्व का सबसे युवा देश है। इसकी 65 फीसद जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। 2021 में भारत की औसत आयु 28.4 वर्ष थी, जबकि चीन और अमेरिका की औसत आयु क्रमशः 38 और 37 वर्ष है। यह युवा जनसंख्या देश के लिए एक मजबूत जनसांख्यिकीय लाभांश प्रस्तुत करती है, जो यदि सही ढंग से उपयोग की जाए, तो भारत को वैश्विक महाशक्ति बना सकती है।
युवाओं का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान
- श्रमशक्ति और उत्पादकता में भागीदारी
भारत के कुल श्रमिक वर्ग का 34 फीसद हिस्सा 15-29 वर्ष के आयु वर्ग से है।
युवा भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), स्वास्थ्य, शिक्षा, और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम, जो दुनिया में तीसरे स्थान पर है, युवाओं की सक्रिय भागीदारी का नतीजा है। - स्टार्टअप और उद्यमिता
भारत में 2023 तक 95,000 से अधिक स्टार्टअप्स पंजीकृत थे, जिनमें से अधिकांश युवाओं द्वारा शुरू किए गए।
‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे कार्यक्रम युवाओं को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मदद कर रहे हैं। ज़ोमैटो, फ्लिपकार्ट, और ओला जैसे सफल स्टार्टअप युवाओं की नवाचार क्षमता को दर्शाते हैं। - सेवा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में योगदान
भारत का आईटी और सेवा क्षेत्र, जो जीडीपी में 8 फीसद से अधिक का योगदान देता है, युवाओं की दक्षता पर आधारित है। डिजिटल इंडिया और एआई जैसी तकनीकों के विकास में युवाओं की भागीदारी निर्णायक है। - ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भूमिका
नेहरू युवा केंद्र और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास योजनाओं के तहत युवाओं को कृषि और ग्रामीण उद्यमिता में प्रेरित किया जा रहा है। युवा किसान नई तकनीकों, जैविक खेती, और विपणन मॉडल अपनाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहे हैं।
युवाओं के सामने चुनौतियाँ - बेरोजगारी
भारत में 2023 में युवाओं के बीच बेरोजगारी दर लगभग 16 फीसद थी। कौशल और रोजगार के बीच बढ़ता अंतर प्रमुख समस्या है। - शिक्षा की गुणवत्ता
अधिकांश युवा शिक्षा प्राप्त करते हैं, लेकिन व्यावसायिक और तकनीकी कौशल की कमी उन्हें प्रतिस्पर्धी बाजार में पिछड़ा बना देती है। - डिजिटल असमानता
ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी संसाधनों की कमी युवा विकास में बाधा बन रही है। - नशा और मानसिक स्वास्थ्य
युवा पीढ़ी में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। - युवाओं की अर्थव्यवस्था में भागीदारी बढ़ाने के लिए समाधान
- शिक्षा और कौशल विकास
व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बहु-विषयक शिक्षा और कौशल आधारित पाठ्यक्रम। - सरकारी योजनाओं का लाभ
श्प्रधानमंत्री कौशल विकास योजनाश् के तहत युवाओं को कौशल प्रदान करना।
‘स्टैंड-अप इंडिया’ और श्मुद्रा योजनाश् जैसे वित्तीय कार्यक्रमों का विस्तार। - डिजिटल साक्षरता
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाना।
‘डिजिटल इंडिया’ अभियान के तहत युवाओं को डिजिटल शिक्षा प्रदान करना। - स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा
मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलिंग केंद्र और जागरूकता अभियान।
खेल और शारीरिक गतिविधियों के लिए ‘फिट इंडिया मूवमेंट’। - आत्मनिर्भरता
युवाओं को कृषि, पर्यावरण संरक्षण, और हरित प्रौद्योगिकी में प्रेरित करना।
स्थायी विकास के लिए युवाओं को जागरूक बनाना।
आंकड़ों के साथ निष्कर्ष - 2021 में भारत की युवा जनसंख्या 27.5 फीसद थी।
- भारत का डिजिटल अर्थव्यवस्था क्षेत्र 2025 तक 1 ट्रिलियन डॉलर का होने की संभावना है, जिसमें युवाओं की भागीदारी अहम होगी।
- देश में युवा उद्यमियों की संख्या में 50 फीसद से अधिक की वृद्धि हुई है।
निष्कर्ष: युवाओं की भागीदारी भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य है। यदि उनके कौशल और क्षमताओं का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। युवा शक्ति राष्ट्र निर्माण की नींव है, और यह आवश्यक है कि सरकार, उद्योग, और समाज मिलकर उनके लिए अवसर पैदा करें। ‘युवा बदलेगा, तभी भारत बदलेगा।’
-लेखक राजस्थान आर्थिक परिषद के पूर्व अध्यक्ष हैं