टैक्स से संबंधित कानूनी पहलुओं को जानना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है। व्यापार और टैक्स के बीच अटूट संबंध है। ऐसे में व्यापारियों व सरकारी सर्विस से जुड़े व्यक्तियों को टैक्स संबंधी कानूनों को जानना बेहद जरूरी है। ‘भटनेर पोस्ट डॉट कॉम’ के मैनेजिंग एडिटर रोहित अग्रवाल आपके सवालों का दे रहे हैं माकूल जवाब…..
अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दाखिल करने की क्या समय सीमा है?
-रामसागर मित्तल, हनुमानगढ़ टाउन
पीड़ित व्यक्ति के लिए आदेश और निर्णय की सूचना मिलने की तिथि के 3 महीने के भीतर समय सीमा तय की गई है। विभाग (राजस्व) के लिए 6 महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है जिसके भीतर समीक्षा कार्यवाही पूरी की जानी होगी और अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर की जायेगी।
क्या अपीलीय प्राधिकरण के पास अपील दायर करने में देरी के लिए क्षमा करने की कोई शक्ति प्राप्त है?
-घनश्याम अग्रवाल, संगरिया
हां। वह अपील का आवेदन दायर करने के लिये उसकी निर्धारित 3/6 (3+1/6+1), महीने की अवधि के अंत से एक महीने तक देरी को क्षमा कर सकता है, बशर्ते धारा 107(4) मे किये प्रावधान के अनुसार देरी का ‘पर्याप्त कारण’ हो।
इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए अनिवार्य शर्तें क्या है?
-दीपक बंसल, हनुमानगढ़
निम्नलिखित चार शर्तो का संतुष्टिकरण आवश्यक हैं, यदि एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति आई.टी.सी. लेना चाहता है।
(क) उसके पास कर चालान या डेबिट नोट या कर भुगतान का अन्य दस्तावेज हो जैसा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए निर्धारित किए गए हैं।
(ख) उसने वस्तुएं या सेवाएं या दोनो प्राप्त की हो।
(ग) आपूर्तिकर्ता ने वास्तव में आपूर्ति के संबंध में कर का भुगतान सरकार को किया हो।
(घ) उसने धारा 39 के अंदर रिर्टन भरा हो।
कौन से मामलों में पंजीकरण अनिवार्य है?
विजय वर्मा, रावतसर
-सी.जी.एस.टी व एस.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 24 के अनुसार निम्नलिखित वर्गो के व्यक्तियों को सीमित सीमा के बावजूद अनिवार्य रूप से पंजीकृत होने की आवश्यकता होगी;
(क) व्यक्ति जो किसीे प्रकार की अंतर-राज्य कराधीन आपूर्ति कर रहे हैं;
(ख) अस्थायी कराधीन व्यक्ति;
(ग) वे व्यक्ति जिन्हें रिर्वस प्रभार के अंतर्गत कर भुगतान करना आवश्यक है;
(घ) धारा 9 की उपधारा (5) के अन्तर्गत दर भुगतान हेतु उत्तरदायी इलेक्ट्र्ॅानिक कॉमर्स ऑपरेटर,
(ड़) गैर निवासी कर योग्य व्यक्ति,
(च) व्यक्ति जो धारा 51 के अंतर्गत कर कटौती हेतु उत्तरदायी हो।
(छ) व्यक्ति जो अन्य पंजीकृत कर योग्य व्यक्तियों की ओर से वस्तुओं और या सेवाओं की आपूर्ति करते हैं, चाहे एजेन्ट के रूप या अन्य।
(ज) इनपुट सेवा वितरक ( चाहे अधिनियम के अन्तर्गत अलग से पंजीकृत है या नहीं)
(झ) व्यक्ति जो धारा 52 के अंतर्गत कर एकत्र करने हेतु अपेक्षित है।
(ळ) प्रत्येक इलेक्टॉनिक वाणिज्य ऑपरेटर
(ट) भारत में एक पंजीकृत व्यक्ति के अलावा, प्रत्येक व्यक्ति जो भारत के बाहर से भारत में किसी व्यक्ति को ऑनलाइन जानकारी और डाटाबेस पुर्नप्राप्ति सेवाओं की आपूर्ति करता है।
(ठ) ऐसे अन्य व्यक्ति जिनके व्यापार का सकल टर्नऑवर 40 लाख से अधिक हो व सेवा देने वाले व्यक्ति के लिए 20 लाख से अधिक हो।
क्या बिना जी.एस.टी. पंजीकरण किया व्यक्ति आईटीसी और कर एकत्र कर सकता है?
-प्रवीण जैन, श्रीगंगानगर
नहीं, जी.एस.टी. पंजीकरण के बिना कोई भी व्यक्ति न तो अपने ग्राहकों से जी.एस.टी.एकत्रित कर सकता है और न ही अपने द्वारा भुगतान किए गए जी.एस.टी. के किसी भी इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकता हैं।
रिवर्स चार्ज का क्या मतलब है?
-रौनक बंसल, जयपुर
रिवर्स चार्ज का मतलब है कि कर का भुगतान करने का दायित्व ऐसी वस्तु या सेवा के आपुर्तिकर्ता के बजाय वस्तुओं या सेवाओं के आपूर्ति के प्राप्तकार्ता पर होता है, उसे रिवर्स चार्ज कहा जाता है।
नोट: आप भी अपना सवाल व्हॉट्सएप नंबर 76888-88138 या 96104-48378 पर भेज सकते हैं। कर सलाहकार व एडवोकेट रोहित अग्रवाल देंगे आपके सवालों का समुचित जवाब।