मुख्यमंत्री द्वारा घोषित बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया हैं। 1000 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की घोषणा के साथ साथ उच्च शिक्षा और आंगनबाड़ी के लिए भी घोषणाएं हुई हैं। भर्ती परीक्षाओं में वन टाइम रेजिस्ट्रेशन के फार्मूले को अपनाकर निःशुल्क परीक्षा अच्छा कदम हैं। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से चिरंजीवी सेवाओ के अन्तर्गत चिरंजीवी मेडिक्लेम की राशि 10 लाख से 25 लाख एवम दुर्घटना बीमा 5 लाख से 10 लाख की घोषणा करके स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी में इज़ाफ़ा करने का प्रयास किया हैं।
घरेलू बिजली 50 यूनिट से बढ़ाकर 100 यूनिट फ्री करना,किसानों को 2000 यूनिट बिजली मुफ्त की घोषणा,बस में महिलाओं को किराए में 50 फीसदी की छूट, चयनित परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेंडर सहित अनेक मुफ्त वाली घोषणाएं प्रभावित तो करती हैं,लेकिन राजकोषीय घाटे की स्थिति चिन्ताजनक हैं।राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 39.4 फीसदी कर्ज़ हैं। राजस्थान में अब तक की सरकारों ने मिलकर जो कर्ज़ लिया हैं उसका 25 फीसदी से अधिक कर्ज़ वर्तमान सरकार पिछले 4 वर्षों में ले चुकी हैं। राज्य पर 4 लाख 34 हजार करोड़ का कुल कर्ज हैं। पुराने और नए कर्ज़ को मिलाकर सरकार सालाना 25 हजार करोड़ रुपये का ब्याज़ अदा कर रही हैं।
राज्य सरकार ने भी केंद्र सरकार की भाँति पेट्रोल डीजल पर अपने हिस्से का वेट कम करके महंगाई से राहत देने का कोई प्रयास नही किया। देश मे सबसे महंगा पेट्रोल डीजल राज्य में खरीदा जा रहा हैं।
–लेखक राजस्थान आर्थिक परिषद के अध्यक्ष रहे हैं।