भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
चौधरी विनोद कुमार किस्मत के धनी रहे हैं। छह बार चुनाव लड़ने वाले विनोद कुमार चार बार जीत दर्ज करने में सफल रहे जबकि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी डॉ. रामप्रताप ने सर्वाधिक सात बार चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें महज तीन बार जीत हासिल हुई।
साल 1990 से अब तक सिर्फ 1998 का चुनाव ऐसा था जिसमें डॉ. रामप्रताप के सामने चौधरी विनोद कुमार नहीं थे। इसके बाद दोनों के बीच ही मुकाबले होते रहे हैं।
जीत-हार के अंतर की बात करें तो 1990 में चौधरी विनोद कुमार ने डॉ. रामप्रताप को 13 हजार 981 मतों के अंतर से पराजित किया था। 1993 में डॉ. रामप्रताप ने चौधरी विनोद कुमार को 13 हजार 825 मतों से हराया। दोनों के बीच तीसरा मुकाबला हुआ 2003 के चुनाव में। जब चौधरी विनोद कुमार ने डॉ. रामप्रताप को 8 हजार 335 मतों से हराया। अगले चुनाव यानी 2008 में फिर चौधरी विनोद कुमार ने डॉ. रामप्रताप को महज 386 वोटों से पराजित किया।
साल 2013 का चुनाव बेहद खास था। यह ऐसा चुनाव था जिसमें डॉ. रामप्रताप ने चौधरी विनोद कुमार को सर्वाधिक 30 हजार 487 मतों के अंतर से हराया था। साल 2018 का चुनाव ऐतिहासिक रहा जब किसी प्रत्याशी ने वोटों के लिए लिहाज से एक लाख का आंकड़ा पार कर लिया। जी हां। चौधरी विनोद कुमार ने 1 लाख 11 हजार 207 वोट हासिल किए। डॉ. रामप्रताप को 95 हजार 685 वोट आए। विनोद कुमार ने 15,522 मतों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल की।