भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
आज विश्व स्वास्थ्य दिवस है। दुनिया की छोड़िए। राजस्थान में सरकार आम जन की सेहत को लेकर कितनी फिक्रमंद है, इसकी बानगी देखते हैं। अच्छी सेहत के लिए आम जन का अच्छा भोजन करना जरूरी है। पौष्टिकता से भरपूर भोजन। जाहिर है, सरकारी स्तर पर इसके लिए प्रावधान है। सरकारी स्तर पर इसके लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी व खाद्य निरीक्षक जैसे पदों के प्रावधान हैं। इनका काम है समय-समय पर खाद्य एवं पेय पदार्थों के सैंपल एकत्रित करना। गुणवत्ता के लिहाज से सैंपल फेल होने पर संबंधित विक्रेताओं के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का भी प्रावधान है। सवाल यह है कि क्या वाकई पूरी ईमानदारी व गंभीरता के साथ यह सब हो पा रहा है? हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो सैंपल संग्रहण का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है लेकिन समय पर रिपोर्ट नहीं आती। इसलिए कि यहां पर फूड लैबोरेट्री की सुविधा नहीं है। सैंपल की जांच के लिए विभागीय अधिकारियों को बार-बार बीकानेर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यह अलग बात है कि राज्य सरकार ने जिला मुख्यालय पर फूड लैबोरेट्री स्थापित करने का भरोसा दिलाया था लेकिन घोषणा को अमली जामा पहनाना सरकार भूल गई। स्थानीय स्तर पर लैब न होने से न सिर्फ सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि आम जन को त्वरित लाभ नहीं मिल पा रहा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बीकानेर से जांच रिपोर्ट आने में औसतन तीन सप्ताह से अधिक समय लग जाता है। जिला स्तर पर फूड लैबोरेट्री बनने के बाद यही जांच रिपोर्ट कुछ ही दिनों में मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक, खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच वास्ते दिसम्बर 2021 में हनुमानगढ़ सहित 15 जिलों में खाद्य प्रयोगशाला व खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय निर्माण को लेकर भूमि मांगी गई थी। इस पर चिकित्सा विभाग ने स्वास्थ्य भवन परिसर में खाली पड़ी भूमि लैब वास्ते चिह्नित कर इसका तकमीना तैयार करवा मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी थी। मगर उसके बाद मुख्यालय से लैब निर्माण की बजट स्वीकृति आदि को लेकर कोई दिशा-निर्देश स्थानीय अधिकारियों को नहीं मिले। ऐसे में मामला वहीं का वहीं अटका पड़ा है। फूड लैबोरेट्री निर्माण वास्ते स्वास्थ्य भवन परिसर में करीब 4000 वर्ग फीट भूमि चिह्नित की गई थी। मगर लैब निर्माण में एक पेच भी है। दरअसल, भूमि संबंधी रिपोर्ट भेजने के बाद चिकित्सा विभाग से मुख्यालय ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय भवन निर्माण के संबंध में रिपोर्ट मांगी। इसमें फूड लैबोरेट्री के संबंध में अलग से कोई चर्चा नहीं थी। जबकि खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय भवन परिसर में ही फूड लैबोरेट्री का संचालन होना उचित रहेगा।
सीएमएचओ डॉ. ओपी चाहर बताते हैं, इस संबंध में मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिल पाई है। काबिले गौर है कि जिले में पिछले दो-तीन साल से सैंपल संग्रहण का आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा है। वर्ष 2020, 21 एवं 22 में क्रमशः 174, 217 एवं 349 सैंपल संग्रहित किए गए। इस साल अब तक तकरीबन पौने दो सौ सैंपल एकत्र किए जा चुके हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर बाजार में बिक रहे खाद्य एवं पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर कड़ाई से निगरानी हो तो आप अच्छी सेहत की उम्मीद कर सकते हैं।