भटनेर पोस्ट न्यूज. जयपुर.
राज्य भर के डॉक्टरों के आक्रामक रुख के बावजूद राज्य सरकार अब तक इंतजार करती रही लेकिन अब अचानक एक्शन मोड में आ गई। सरकार ने सम्पूर्ण बंद में शामिल होने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं। चिकित्सा विभाग के संयुक्त शासन सचिव इकबाल खान ने जारी निर्देश में मेडिकल हेल्थ विभाग से जुड़े सभी चिकित्सकों और अन्य स्टाफ की अवकाश निरस्त करने की बात कही है। सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी आवश्यक सेवाएं विशेष रूप से ओपीडी, आईपीडी और आईसीयू, इमरजेंसी सेवाएं और स्त्री व प्रसूति रोग से संबंधित सेवाएं बिना किसी परेशानी चलती रहें। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को नियमित रूप से प्रतिदिन मेडिकल टीचर्स, डॉक्टर्स, रेजीडेंट्स, पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ की उपस्थिति की सुबह 9.30 बजे तक चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग को भिजवानी होगी। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि बिना अवकाश स्वीकृत करवाए हुए गायब रहने वाले डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। सभी डॉक्टर्स, मेडिकल टीचर्स, रेजीडेंट्स, पेरामेडिकल और नर्सिंंग स्टाफ केवल विशेष परिस्थितियों में ही प्राचार्य/अधीक्षक अवकाश स्वीकृत कर सकेंगे और इसकी सूचना उन्हें तुरंत विभाग को देनी होगी। विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि रेजीडेंट डॉक्टर्स अपने दायित्व में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतते हैं, राजकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, मरीज या उनके परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं तो उनका पंजीयन रद्द करने की कार्यवाही प्रारंभ की जाए। साथ ही नियमित कार्मिकों के कार्य बहिष्कार करने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। सरकार के एक्शन मोड पर आने के बाद आंदोलनकारी डॉक्टर्स को अब सिरे से रणनीति बनानी पड़ सकती है।