भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
विधानसभा चुनाव की आहट के बीच हनुमानगढ़ सीट के लिए सरगर्मी तेज हो चुकी है। सक्रियता के मामले में भाजपा कांग्रेस से कहीं आगे है। बीजेपी में टिकट के दावेदार भी कहीं अधिक हैं। बहरहाल, हम आपको बताएंगे उन नेताओं के बारे में जो खुद को टिकट का दावेदार मान रहे हैं।
पहला नाम पूर्व मंत्री डॉ. रामप्रताप का ही है। पिछला चुनाव हारने के बाद वे कभी घर नहीं बैठे। अलबत्ता उनकी सक्रियता सियासी संदेश देने के लिए काफी है। डॉ. रामप्रताप चार दफा विधायक रह चुके हैं। वे भैरोसिंह शेखावत व वसुंधराराजे मंत्रीमंडल में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। सबसे बड़ी बात यह कि हनुमानगढ़ में भाजपा का खाता खोलने का श्रेय डॉ. रामप्रताप को ही जाता है।
दूसरा नाम है भाजयुमो नेता देवेंद्र पारीक का। दो दफा पार्षद रहे और भाजयुमो जिलाध्यक्ष के बाद जयपुर प्रभारी रहे देवेंद्र पारीक कई सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के साथ इनके प्रगाढ़ संबंध बताए जाते हैं। इसकी वजह है कि जोशी जब युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष थे तो देवेंद पारीक हनुमानगढ़ जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। दोनों के बीच गजब की ट्यूनिंग थी। लिहाजा, पारीक अब शहर के साथ गांवों में भी जनसंपर्क करने लगे हैं।
तीसरे दावेदार हैं डॉ. संदीप सहारण। पेशे से दंत रोग विशेषज्ञ हैं। टाउन में रावतसर रोड पर क्लिनिक का संचालन भी करते हैं लेकिन आरएसएस से संबद्ध होने के कारण वे राजनीति की तरफ उन्मुख हैं। पिछले चुनाव में भी उन्होंने टिकट के लिए दावेदारी जताई थी लेकिन सफलता नहीं मिली। अलबत्ता, इस बार समय से पहले वे सक्रियता दिखा रहे हैं। इन दिनों वे ‘विकल्प यात्रा’ पर हैं। गांवों में जाकर नुक्कड़ सभाएं कर रहे और वंशवाद के खिलाफ नारा बुलंद कर रहे। खास बात है कि डॉ. संदीप सहारण और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मित्रता की चर्चा जोरों पर है।
चौथा नाम है नगरपरिषद सभापति गणेशराज बंसल का। भाजपा नेताओं के साथ उनकी मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि औपचारिक तौर पर उन्होंने इस मसले पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन चर्चा है कि वे सभापति भले कांग्रेस की तरफ से बने हैं लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए वे भाजपा टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं। वे शहर के साथ अब गांवों में जाकर जन समर्थन जुटाने लगे हैं।