भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.
मंगलवार को मणिपुर हिंसा की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय हैरानी दर हैरानी जता रहा था। कोर्ट ने दो टूक कहाकि मणिपुर में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। कोर्ट ने हैरानी जताई कि राज्य की जातीय हिंसा में लगभग तीन महीने तक एफआईआर ही दर्ज नहीं की गई। बाद में जब 6000 से ज्यादा एफआईआर हुईं तो इनमें चंद गिरफ्तारियां की गईं। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर डीजीपी को कोर्ट में हाजिर होकर इन सभी सवालों का जवाब देने का आदेश दिया है। एफआईआर में देरी पर केंद्र ने कोर्ट से कहा कि मणिपुर में हालात बेहद खराब हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
संयोग देखिए, जिस वक्त सर्वोच्च न्यायालय मणिपुर हिंसा पर चिंता जता रहा था ठीक उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में भाजपा के अभियान ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ का समर्थन करते हुए रीट्वीट कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी राजस्थान के ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए लिखा-‘बेटियों के मान में चलो, गरीबों के उत्थान में चलो, दलित सम्मान में चलो, किसान का दर्द भी सुनो, हुंकार भरो’। पीएम मोदी ने आगे लिखा-कांग्रेस के मौजूदा शासन ने जिस प्रकार वीर-वीरांगनाओं की भूमि राजस्थान को बदहाली और बदनामी का दलदल बनाकर रख दिया है। जनता-जनार्दन उससे जल्द छुटकारा चाहती है। राज्य के कुशासन को उखाड़ फेंकने का जन-जन ने जो संकल्प लिया है, उसे भाजपा की इस मुहिम से बहुत बड़ा बल मिलने वाला है।’
पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा कहते हैं, ‘पीएम मोदी के मुंह से बेटियों का सम्मान, गरीबों का उत्थान, दलित सम्मान, किसानों का दर्द आदि शब्द शोभा नहीं देते। पीएम आवास से चंद कदम दूर जंतर-मंतर पर हमारी गोल्ड मैडलिस्ट बेटियां दिन-रात धरने पर बैठी रहीं। पीएम मोदी भाजपा सांसद को बचाने में जुटे रहे। उन्होंने जिस बेटियों को मैडल जीतने पर चाय पिलाई थी, उन्हीं बेटियों के प्रदर्शन पर एक शब्द नहीं बोला। मोदी किस मुंह से गरीबों के उत्थान की बात कर रहे हैं। गरीबों के घर में कांग्रेस सरकार 400 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर पहुंचाती थी, आज 1150 रुपए रेट होने से गरीबों ने चूल्हों पर खाना पकाना शुरू कर दिया तो गहलोत सरकार ने उन्हें 500 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है। महंगाई की मार से गरीब त्रस्त है, मोदी म से महंगाई बोलने के लिए तैयार नहीं। मोदी राज में दलितों की बदहाली जगजाहिर है। तीन कृषि कानून के खिलाफ धरने पर बैठे 700 से अधिक किसानों की मौत पर जिस प्रधानमंत्री ने शोक तक नहीं जताया वह प्रधानमंत्री किसान हित की बात कर कैसे सकता है ?’ डोटासरा ने कहाकि बीजेपी झूठ और फरेब की राजनीति करती है लेकिन अब जनता समझ चुकी है।