देश को शिखर पर पहुंचाने के सियासी दावे कितने खोखले हैं, इसका ताजा उदाहरण है वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत की बदहाल स्थिति। जी हां। भूख और कुपोषण के मामले में हमारा देश दुनिया में शर्मनाक स्थिति में पहुंच चुका है। खाद्य सुरक्षा की स्थिति में सुधार का दावा तो किया जा रहा है लेकिन सच तो यह है कि गरीब आबादी के लिये पोषण और संतुलित आहार पहुंचाने की बड़ी समस्या बनी हुई है। वैश्विक भूखमरी सूचकांक, 2022 में भारत 121 देशों की श्रेणी में 6 स्थान और फिसलकर 107वें स्थान पर आ गया है। गौरतलब है कि यह सूचकांक भुखमरी या ‘हंगर’ भोजन की कमी से होने वाली परेशानी को संदर्भित करती है। राज्य बीज निगम अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने भुखमरी सूचकांक में भारत की शर्मनाक स्थिति पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। राठौड़ ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धार्मिक भावना की आड़ में जनता को गुमराह कर रहे हैं। नौ साल के कार्यकाल में उन्होंने देश को बर्बाद कर दिया है। मीडिया सच नहीं दिखा रहा। सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा। न्यायपालिका को कमजोर किया जा रहा। आखिर, सच सामने कैसे आएगा। राठौड़ ने कहाकि देश की जनता सच्चाई से कब तक विमुख होती रहेगी ?