भद्रकाली मंदिर: श्रद्धालुओं को मिले ये सुविधाएं

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.

 हनुमानगढ़ टाउन से करीब सात किमी दूर स्थित भद्रकाली मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। इस मंदिर का संबंध बादशाह अकबर से भी है। मान्यता है कि अकबर के आग्रह पर इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। पुजारी छोटू पूरी कहते हैं, ‘एक बार बादशाह अकबर शिकार खेलते वक्त राह भटक गया। यह निर्जन क्षेत्र था। उस वक्त अकबर थक गया और एक पेड़ के नीचे बैठ गया। उसे प्यास लगी। दूर-दूर तक कोई नजर न आया। थकावट की वजह से झपकी आ गई। तभी उसे महसूस हुआ कि एक दिव्य नारी उसके लिए पानी लेकर आई। अकबर पानी पीकर समझ गया कि यह साधारण जल नहीं है। कुछ ही क्षण में जब उसने नारी को ढूंढ़ा तो वह कहीं नजर नहीं आईं। अकबर ने इसे दिव्य शक्ति माना और बीकानेर के तत्कालीन राजा को यह कथा सुनाई और मंदिर बनवाने का आग्रह किया।’

भद्रकाली मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां भद्रकाली समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। पुजारी छोटू पूरी कहते हैं, ‘बीकानेर रियासत काल से उनका परिवार मंदिर की सेवा कर रहा है। नवरात्रि शुरू होते ही श्रद्धालुओं का आगमन तेज हो गया है।ब्रह्मण मुहूर्त में घटस्थापना के साथ विशेष पूजन शुरू हो गया है। इस वक्त महेंद्र पूरी, कृष्ण पूरी, भैरू पूरी, सोन पूरी, राजेश पूरी आदि व्यवस्था संभाल रहे हैं। 

 पुजारी छोटू पूरी के अनुसार मुख्य मूर्ति के पीछे लगी मूर्ति ही वह मूर्ति है, जिसे मुगल शासक ने निर्माण के बाद मंदिर में स्थापित करवाया था। 

अमरपुरा थेहड़ी ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थित भद्रकाली मंदिर परिसर में सुविधाएं बढाने की मांग को लेकर सरपंच रोहित स्वामी प्रयासरत हैं। उनका कहना है कि देवस्थान व पुरातत्व विभाग को मिलकर इसको लेकर प्रयास करना चाहिए ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं मिल सके। सरपंच रोहित स्वामी के मुताबिक, जगह की कमी नहीं है। बेहतर उद्यान बने। धर्मशाला हो जहां पर श्रद्धालु थकावट दूर कर सकें। रेस्टोरेंट हो जहां पर शुद्ध मिठाई, जलपान और भोजन की व्यवस्था हो। यह सब न होने से श्रद्धालुओं को निराशा हाथ लगती है। उन्हें मंदिर में माता की धोक लगाने के बाद सात किमी दूर हनुमानगढ़ टाउन जाना पड़ता है।

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