ब्राह्मणों पर जाट नेता युद्धवीर के विवादित बोल

भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह जाट महाकुंभ में ब्राह्मणों पर की गई टिप्पणी के कारण विवादों में आ गए हैं। ब्राह्मण समाज ने युद्धवीर सिंह के बयान की तीखी भर्त्सना करते हुए माफी मांगने की मांग की है। विप्र फाउंडेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष कालूराम शर्मा, पूर्व पार्षद देवेंद्र पारीक, ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष व पार्षद प्रदीप ऐरी, सर्व ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष दुर्गाप्रसाद शर्मा व विप्र सेना के जिला प्रभारी निपेन शर्मा सहित अन्य ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहाकि युद्धवीर सिंह जैसे लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए समाज को तोड़ने वाला बयान दे रहे हैं, जिसे ब्राह्मण समाज बर्दाश्त नहीं करेगा।

विप्र्र फाउंडेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष कालूराम शर्मा ने कहाकि ब्राह्मण समाज सामाजिक समरसता का प्रतीक है। किसी का बुरा नहीं करता, बुरा नहीं सोचता। सबका उचित मार्गदर्शन करता है। विप्र समाज के प्रति इस तरह जहर उगलना सभ्य समाज सहन नहीं करेगा।

राजस्थान ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष प्रदीप ऐरी ने कहाकि सार्वजनिक मंच से ब्राह्मणों के खिलाफ ‘जहर’ उगलना अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा लांघना है। ऐसे व्यक्तियों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए ताकि समाज में आपसी भाईचारा कायम रह सके।

पूर्व पार्षद देवेंद्र पारीक ने कहाकि जाति विशेष को टार्गेट कर उसका मजाक उड़ाना, अशोभनीय टिप्पणी करना आजकल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का जरिया बन गया है। इस पर रोक लगनी चाहिए। युद्धवीर सिंह जैसे लोगों को सार्वजनिक मंच पर बैठने का हक नहीं है। ऐसे लोग अराजकता फैलाने वाले होते हैं।

सर्व ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष दुर्गाप्रसाद शर्मा ने कहाकि ब्राह्मणों का गौरवशाली इतिहास है। इस समाज के लोगों ने स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं किया। देश और समाज में भाईचारा बनाए रखने के लिए सदैव तत्पर रहा है। ऐसे ब्राह्मण समाज पर आपत्तिजनक टिप्प्णी करना युऋवीर सिंह जैसे ओछी मानसिकता वाले व्यक्ति के लिए ही संभव है। उन्हें इसके लिए ब्राह्मण समाज से माफी मांगनी चाहिए।

विप्र सेना के जिला प्रभारी निपेन शर्मा व सह प्रभारी दीपक शर्मा ने कहाकि युद्धवीर सिंह जाट समाज के स्वयंभू नेता बने हुए हैं। जाट समाज में इनकी कोई बिसात नहीं है। युद्धवीर सिंह को तो जाट समाज के गौरवशाली इतिहास का भी पता नहीं है। उन्हें पता होना चाहिए कि आज भी जागरणों में सबसे पहले जाट समाज की उस महान बेटी से जुड़ा भजन गाया जाता है जिसमें भगवान की भक्त कर्मा ने अपनी भक्ति से उन्हें रिझाया था।
गौरतलब है कि युद्धवीर सिंह ने जाट महाकुंभ में ब्राह्मणों पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हुए आपत्तिजनक बातें कही थी। देश भर में युद्धवीर सिंह के बयान की निंदा हो रही है। 

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