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घग्घर बहाव क्षेत्र में सोमवार को जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो सकती है। सरदुलगढ़ में करीब 53 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद ओटू में 35 हजार क्यूसेक पानी रिलीज हुआ है। उस पानी को हनुमानगढ़ तक आने में करीब 15 घंटे लग जाते हैं। ऐसे में पानी की आवक बढ़ने से किसी को चिंता नहीं करनी चाहिए। हां, सजगता पहले की भांति बेहद जरूरी है। कलक्टर रुक्मणि रियार ने घग्घर में पानी की स्थिति, बाढ़ की आशंका व तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने तमाम तरह के सवालों के जवाब दिए। कलक्टर ने बताया कि नाली बैड में 4800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जरूरत पड़ने पर 5000-5500 क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा सकता है। वहीं सेमनाला की क्षमता करीब 13 हजार क्यूसेक तक है जिसमें इस वक्त 7300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। आईजीएनपी की क्षमता करीब 10 हजार क्यूसेक है, जिसमें जरूरत के मुताबिक, पानी छोड़ा जा रहा है। कलक्टर ने माना कि अभी खतरा टला नहीं है, बरकरार है। ओवर कॉन्फिडेंट में आना ठीक नहीं। सजग रहने की जरूरत है। एक सवाल के जवाब में कलक्टर ने कहाकि जब जरूरत पड़ेगी तो व्यापारियों को भी गोदाम आदि खाली करने के लिए कह दिया जाएगा। अभी ऐसी स्थिति नहीं है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं। पत्रकार वार्ता में राजस्थान राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त आयोग अध्यक्ष पवन गोदारा व एसपी सुधीर चौधरी भी मौजूद थे।
20 हजार में से महज 700 लोग राहत केंद्र में
कलक्टर रुक्मणि रियार ने माना कि तमाम तरह के प्रयासों के बावजूद अति संवेदनशील क्षेत्रों से लोग राहत केंद्र में नहीं पहुंच रहे। निचले क्षेत्रों में करीब 20 हजार लोग रहते हैं लेकिन अब तक महज 700 लोग ही राहत केंद्रों में आ पाए हैं। इन लोगों को प्रेरित किया जाएगा।