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जिस स्कूल में आठवीं जमात तक तालीम हासिल हुई हो, उसी स्कूल में बतौर मुख्य अतिथि का सम्मान अहलादित करने वाला होता है। आरएएस परीक्षा में पूरे राज्य में तीसरे स्थान पर चयनित संगरिया के गांव इंद्रपुरा की बेटी किरणपाल इसी गर्व और हर्ष को अनुभव कर रही थीं। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय इंद्रपुरा में किरणपाल का अभिनन्दन किया गया। चयन के पश्चात अपने बचपन के स्कूल में आई किरणपाल अपने सम्मान और अभिनन्दन से अभिभूत नजर आईं। किरणपाल ने बच्चों को मन लगाकर उत्साह से पढ़ने की सीख दी।
विद्यालय की बेटियों को संबोधित होकर किरणपाल ने सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए जी-जान से प्रयास करने की बात कही। शिक्षकों ने कहाकि इसी स्कूल से किरणपाल ने अ से अनार सीखा और इसी स्कूल में आज अ से अफसर बनकर आई हैं। बाकी बच्चों को भी मन लगाकर पढ़ाई करनी है ताकि जीवन में सफलता की बुलंदियां हासिल हों।
किरणपाल ने आरएएस परीक्षा की तैयारी के संबंध में कहा कि प्रशासनिक सेवा की परीक्षाओं में स्कूली पाठ्यक्रम से भी बहुत सारे प्रश्न आते हैं। कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के पाठ्यक्रम का स्कूली जीवन में ही गहराई से अध्ययन प्रशासनिक सेवा परीक्षा के समय बहुत काम आता है। अभिनंदन समारोह में किरणपाल के पिता हजारीराम भी मौजूद थे। हजारीराम भी पेशे से अध्यापक हैं।
इस विद्यालय की पूर्व छात्रा किरणपाल के चयन से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय इंद्रपुरा की बालिकाओं में विशेष उत्साह देखा गया।
इस विद्यालय की पूर्व छात्रा किरणपाल के चयन से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय इंद्रपुरा की बालिकाओं में विशेष उत्साह देखा गया।
प्रधानाचार्य उर्वशी बिश्नोई ने कहा कि किरणपाल न केवल इस विद्यालय बल्कि पूरे जिले की बालिकाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई हैं। ग्रामीण माहौल में अनेक बार लड़कियों की शिक्षा को परिवार और वातावरण से मजबूत समर्थन नहीं मिलता, किरणपाल जैसे उदाहरणों से बेटियों को आगे बढ़ने में बहुत मदद मिलेगी।
व्याख्याता हरजिंदर सिंह ने कहा कि जब हमारे आस-पास के ग्रामीण परिवेश से किरणपाल जैसे उदाहरण सामने आते हैं, तो बच्चे ऐसे उदाहरणों से जल्दी प्रेरित होते हैं और उनमें भी अध्ययन और आगे बढ़ने के लिए लगन और उत्साह पैदा होता है।
सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक हरमीत सिंह ने कहा कि किरणपाल के लिए एक नए सफर की शुरुआत हुई है और निःसंदेह किरणपाल एक संवेदनशील और सक्षम अफसर बनकर गाँव, परिवार और विद्यालय का नाम रोशन करेंगी। शाला परिवार की ओर से किरणपाल को राजस्थानी साफा और सम्मान प्रतीक भेंटकर शुभकामनाएं दी गईं।
सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक हरमीत सिंह ने कहा कि किरणपाल के लिए एक नए सफर की शुरुआत हुई है और निःसंदेह किरणपाल एक संवेदनशील और सक्षम अफसर बनकर गाँव, परिवार और विद्यालय का नाम रोशन करेंगी। शाला परिवार की ओर से किरणपाल को राजस्थानी साफा और सम्मान प्रतीक भेंटकर शुभकामनाएं दी गईं।