भटनेर पोस्ट न्यूज. हनुमानगढ़.
भारत में ग्राम देवता की मान्यता रही है। अमूमन गांवों में आपको यह सब देखने को मिल जाएंगे। हनुमानगढ़ की बात करें तो यहां के क्षेत्र देवता महाबली हनुमान ही हैं। क्योंकि हनुमान के नाम से ही स्थान का नाम हनुमानगढ़ पड़ा था। देखा जाए तो हनुमानगढ़ का सबसे पुराना हनुमान मंदिर भटनेर किला के भीतर ही है। यह अलग बात है कि आज इस प्राचीन मंदिर में कम ही लोग दर्शन के लिए जाते हैं। देखने में यह मंदिर छोटा सा है लेकिन इसका इतिहास सबसे बड़ा और पुराना है। भटनेर दुर्ग के भीतर प्रवेश करते ही सामने एक मंदिर है। सीढ़ियों से चलकर आप मंदिर पहुंचते हैं जहां पर पवन पुत्र हनुमान की छोटी सी प्रतिमा है। सामने इतनी भी जगह नहीं कि आप दंडवत होकर महाबली हनुमान को प्रणाम कर सकें। यह मंदिर करीब 225 वर्ष पुराना है।
इतिहासकारों के मुताबिक, वर्ष 1804 का दिसंबर महीना था और दिन था मंगलवार। तत्कालीन राजा सूरत सिंह मुगल शासक को हराकर लौटे थे। उन्होंने दुर्ग को सुरक्षित रखने के लिए मुख्य द्वार के सामने संकट मोचन हनुमान का न सिर्फ यह मंदिर बनवाया बल्कि भटनेर का नाम भी हनुमानगढ़ रख दिया। तब से इस जगह को हनुमानगढ़ कहा जाने लगा। इस तरह देखा जाए तो हनुमानगढ़ के स्थान देवता वीर हनुमान ही हैं।