भटनेर पोस्ट ब्यूरो. जयपुरः राज्य में कांग्रेस की आपसी कलह थमने का नाम नहीं ले रही। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच बयानों के तीर सियासी हलकों में धूम मचाए हुए है। गणतंत्र दिवस के मौके पर गहलोत ने पायलट पर फिर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस साल विधानसभा चुनाव में 156 सीट जीतने का लक्ष्य है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जनादेश मिलने के पीछे उनकी पिछली सरकार का काम मुख्य कारण था। पत्रकारों से मुखातिब गहलोत ने कहा, ‘हमने जब 1998 में सरकार बनाई थी। तब हमारे पास 156 सीट थीं और उस समय मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था.. तो मैं चाहूंगा कि हम लोग मिशन 156 को लेकर चलें। वर्ष 2018 में बनी सरकार का मुख्य कारण यह था कि लोग उनकी पुरानी सरकार के कामों को याद करते हैं।’ उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट ने हाल की जनसभाओं में इस बात का उल्लेख किया था कि जब वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख थे। तब वर्ष 2013 से 2018 तक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रयास के कारण राज्य में पार्टी सत्ता में आयी थी। गहलोत ने कहा कि भाजपा के पास सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है। कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है। सरकार के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं है और जनता सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों से खुश है। उन्होंने कहा कि देशभर में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी राज्य सरकार की योजनाओं की चर्चा हो रही है। पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने समेत राज्य सरकार के अन्य फैसलों से कर्मचारियों में खुशी है।
काबिलेगौर है कि एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पायलट ने युवा पीढ़ी के बारे में सोचने और उन्हें एक मौका देने के लिए बड़ों को सोचने की आवश्यकता के बारे में भी बात की थी। पायलट ने बार-बार कहा है कि वर्ष 2013 में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 21 रह गई थी। उस समय पार्टी आलाकमान ने उन्हें राज्य में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रमुख बनाया था।