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इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि 23 वर्ष बाद हनुमानगढ़ जिले में 28 हजार क्यूसेक से अधिक पानी आया है। इंस्टेक स्ट्रक्चर के गेटो को खोलने की कभी नौबत नहीं आई, इतिहास में पहली बार घग्घर का पानी इंदिरा गांधी नहर में डायवर्ट किया गया है। इसके लिए उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों व जिला प्रशासन की पीठ थपथपाई। मेघवाल ने कहा कि मैं प्रशासन को इस बात की बधाई देता हूं कि उन्होंने दिन-रात कार्य किया। पंजाब और हरियाणा में भारी मात्रा में नुकसान हुआ जबकि यहां के शानदार प्रबंधन की वजह से कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर आईजीएनपी में पानी नहीं चलने से कई जगह पेयजल की समस्या आई, लेकिन अगर आईजीएनपी के पानी को नहीं रोका जाता तो जिले में भारी नुकसान होता। कई दिनों से विधानसभा चलने तथा कई महत्वपूर्ण बिलों की वजह से वो इतने दिन जिले में नहीं आ पाए परंतु वो यहां कि स्थिति लगातार जानकारी लेते रहते थे।
मेघवाल ने कहा कि में कलक्टर व चीफ इंजीनियर से लगातार अपडेट लेता रहता था। इस मौके पर एडीएम प्रतिभा देवठिया, एडीएम नोहर चंचल वर्मा, एडिशनल एसपी जस्साराम बोस, एसई शिवचरण रेगर व सीडब्ल्यूसी चेयरमैन जितेंद्र गोयल आदि मौजूद थे। घग्घर में कटाव की वजह से कई जगह फसलों का नुकसान हुआ है। जिसके लिए स्पेशल गिरदावरी करवा कर आपदा राहत के अंतर्गत किसानों को नियमानुसार अनुदान दिया जाएगा। मेघवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक आदेश के तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा क्लेम और राज्य आदान-अनुदान दोनों एक साथ देने पर रोक लगा दी थी तथा किसानों को एक ही सहायता लेने के लिए विकल्प दिए गए थे। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री के साथ हुई सभी राज्यों के आपदा मंत्रियों की बैठक में मैने मांग रखी की प्रधानमंत्री फसल बीमा क्लेम के साथ किसानों को आपदा राहत के अंतर्गत राज्य आदान- अनुदान सहायता भी मिलनी चाहिए। जबरदस्त पैरवी के बाद कल नोटिफिकेशन जारी हो गया है और अब दोनों सहायता राशि किसानों को मिल सकेगी। राजस्थान में पिछली रबी फसल जो खराब हुई थी, उसका आपदा राहत कोष से किसानों को एक महीने में भुगतान हो जायेगा। वर्तमान में जो फसल खराब हुई है, उन सभी किसानों को भी फसल बीमा योजना के क्लेम के साथ ही आदान अनुदान क्लेम भी दिया जाएगा।