भटनेर पोस्ट पॉलिटिकल डेस्क.
कांग्रेस ने 22 अक्टूबर को दूसरे दिन उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी। महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी सूची में 41 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छाया साफ नजर आ रही है। उनकी पुरानी टीम को रिपीट किया गया है। सूची में हनुमानगढ़ जिले से एकमात्र चौधरी विनोद कुमार का नाम है। जिले की नोहर सीट के लिए विधायक अमित चाचाण को पार्टी पहली सूची में टिकट दे चुकी है। इस तरह संगरिया, भादरा और पीलीबंगा सीट पर प्रत्याशियों का इंतजार बाकी है। उधर, सादुलशहर से विधायक जगदीशचंद्र जांगिड़, करणपुर से गुरमीत सिंह कुन्नर, सूरतगढ़ से डूंगरराम गेदर, खाजूवाला से मंत्री गोविंदराम मेघवाल, बीकानेर पश्चिम से डॉ. बीडी कल्ला, नोखा से सुशीला डूडी, सरदारशहर से अनिल शर्मा, झुंझुनूं से बृजेंद्र सिंह ओला, नवलगढ़ से डॉ. राजकुमार शर्मा, फतेहपुर से हाकम अली, नीमका थाना से सुरेश मोदी, कोटपूतली से राजेंद्र सिंह यादव, दूदू से बाबूलाल नागर, सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावास, किशनपोल से आमीन कागजी, आदर्शनगर से रफीक खान, बस्सी से लक्ष्मण मीणा, बानसूर से शकुंतला रावत, रामगढ़ से जुबेर खान, डीग कुम्हेर से विश्वेंद्र सिंह, वेर से भजनलाल जाटव, राजाखेड़ा से रोहित बोहरा, महुआ से ओमप्रकाश हुडला, दौसा से मुरारीलाल मीणा, लालसोट से परसादीलाल मीणा, खंडार से अशोक बैरवा, पुष्कर से नसीम अख्तर इंसाफ, केकड़ी से डॉ. रघु शर्मा, नवां से महेंद्र चौधरी, सोजत से पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य, मारवाड़ जंक्शन से खुशवीर सिंह, बाड़मेर से मेवाराम जैन, सांचोर से सुखराम बिश्नोई, सिरोही से संयम लोढ़ा, खैरवाड़ा से डॉ. दयाराम परमार, मावली से पुष्करलाल डांगी, सलूम्बर से रघुवीर सिंह मीणा, घाटोल से नानालाल निमाना, बांसवाड़ा से अर्जुन सिंह बामनियां, निम्बाहेड़ा से उदयलाल आंजना, मांडल से पामलाल जैन और अंता से प्रमोद जैन भाया को कांग्रेस ने फिर से मैदान में उतारा है।
सातवीं बार चुनाव मैदान में उतरेंगे विनोद कुमार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी विनोद कुमार ने अब तक छह चुनाव लड़कर चार बार जीत का परचम लहराया है और दो बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा है। वे राज्यमंत्री रह चुके हैं। इस तरह वे इस बार सातवीं बार चुनाव मैदान में उतरेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी विनोद कुमार ने अब तक छह चुनाव लड़कर चार बार जीत का परचम लहराया है और दो बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा है। वे राज्यमंत्री रह चुके हैं। इस तरह वे इस बार सातवीं बार चुनाव मैदान में उतरेंगे।