कलक्टर से क्यों खफा हैं किसान ?

भटनेर पोस्ट डॉट कॉम.

 राम रूठ गया और राज भी। राम यानी कुदरत ने कहर बरपाया। बेमौसम बारिश से नरमा, मूंग आदि की फसलें चौपट हो गईं। राज यानी सरकार भी पीड़ा महसूस करने के लिए तैयार नहीं। ऐसे में कलक्टर कार्यालय के सामने धरना लगाकर बैठने के अलावा कोई चारा नहीं। यह कहना है किसानों का।

मंगलवार यानी 26 सितंबर को कलक्टर कार्यालय के सामने काफी संख्या में किसान धरने पर बैठे हैं। वे जिला प्रशासन पर किसान विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगा रहे हैं।
किसान नेता प्रो. ओम जांगू कहते हैं,‘ किसानों के लिए यह समय बेहद क्रूर है। किसानों को आज राज भी मार रहा है और प्रकृति भी मार रही है। बीज के अंदर मिलावट, पेस्टीसाइड का दुरुपयोग करवाया, किसान की जेब में जो पैसे थे उसे फसल को पकाने में खर्च करवाया। फिर भी सुंडी पर नियंत्रण नहीं हुआ। किसानों के खेत को सुंडी खा गई। हम चाहते हैं कि सरकार फसलों की विशेष गिरदावरी करवाए, फसल के खराबे का आकलन करे। किसान को प्रत्येक बीघे के हिसाब से 50 हजार रुपए मुआवजा मिले। यही हमारी मांग है।’ 

किसान नेता रेशम सिंह माणुका कहते हैं कि मूंग और ग्वार गलने की स्थिति में है। उनका भी सर्वे करवाए, गिरदावरी करवाकर मुआवजे की जरूरत है। नरमे की कीमत न के बराबर है, ऐसे में केंद्र सरकार सीसीआई को समर्थन मूल्य पर नरमा खरीदने के लिए पाबंद करे। ताकि किसानों को मामूली राहत मिल सके। उन्होंने मूंग और धान की सरकारी खरीद सुनिश्चित करने की मांग दोहराई।

प्रो. ओम जांगू ने कलक्टर पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहाकि रुक्मणि रियार खुद को बहुत बड़ा अफसर समझती हैं, किसानों से मिलने और बात करने में अपनी तौहीन समझती हैं। ऐसे में किसानों की बात जयपुर तक कौन पहुंचाएगा?
किसान नेता सुरेंद्र शर्मा ने कहाकि संयुक्त मोर्चा का गठन हुआ है। 11 सदस्यों का मनोनयन हुआ है। किसान हित में त्वरित फैसला किया जाएगा। आंदोलन को तेज किया जाएगा।

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